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इमरान खान के तख्तापलट की तैयारी, पाकिस्तान सेना और आईएसआई का मोहभंग

स्वामी ने संभावना जताई कि नवंबर में पाकिस्तान सेना इमरान खान का तख्तापलट कर सकती है. हालांकि इस तख्तापलट से भारत को किसी तरह का कोई प्रभाव पड़ने वाला नहीं है.

Updated on: 29 Aug 2019, 04:28 PM

highlights

  • सुब्रमण्यम स्वामी ने नवंबर में इमरान खान के तख्तापलट की जताई आशंका.
  • अमेरिकी रिपोर्ट ने भी माना पाकिस्तान सेना और आईएसआई का इमरान से मोहभंग.
  • नवाज शरीफ को हटाने और इमरान को लाने के लिए सेना ने घरेलू राजनीति से की छेड़छाड़.

नई दिल्ली.:

अब तो दुनिया भर को पता चल रहा है कि क्रिकेटर से राजनीति में आए इमरान खान को वजीर-ए-आजम बनाने के लिए पाकिस्तान की सेना ने घरेलू राजनीति को प्रभावित किया था. और तो और पाकिस्तान की विदेश और सुरक्षा नीतियों संबंधी फैसले पर पाकिस्तान सेना हमेशा से हावी रही है. हालांकि बदलते घटनाक्रम में पाकिस्तान सेना और खुफिया संस्था आईएसआई का इमरान खान से मोहभंग हो रहा है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी अपनी ट्वीट में अंदेशा जताया है कि नवंबर तक इमरान खान का तख्तापलट हो सकता है.

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स्वामी ने ट्वीट कर जताई तख्तापलट की आशंका
सुब्रमण्यम स्वामी ने विगत दिनों एक ट्वीट कर कहा था कि उन्हें अपने विदेशी मित्रों से पता चला है कि पाकिस्तान सेना और आईएसआई का 'प्लेब्वॉय' इमरान खान से बुरी तरह से मोहभंग हो चुका है. इसके साथ ही स्वामी ने संभावना जताई कि नवंबर में पाकिस्तान सेना इमरान खान का तख्तापलट कर सकती है. हालांकि इस तख्तापलट से भारत को किसी तरह का कोई प्रभाव पड़ने वाला नहीं है. रहा सवाल पाकिस्तान का वहां पाकिस्तान सेना और निर्वाचित वजीर-ए-आजम एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं.

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अमेरिकी रिपोर्ट ने भी इमरान का चुनाव धांधलीभरा माना
सुब्रमण्य स्वामी की इस संभावना की पुष्टि करती एक रिपोर्ट अमेरिकी कांग्रेस ने भी जारी की है. इसमें कहा गया है कि नवाज शरीफ को पद्च्युत करने के लिए पाकिस्तान सेना ने बकायदा एक षड्यंत्र रचा था. प्रधानमंत्री पद का चुनाव जीतने से पहले इमरान खान को शासन का कोई अनुभव नहीं था. कई विश्लेषकों का दावा है कि पाकिस्तान की सुरक्षा सेवाओं ने नवाज शरीफ को सत्ता से हटाने और उनकी पार्टी को कमजोर करने के मकसद से चुनाव के दौरान और उससे पहले देश की घरेलू राजनीति से छेड़छाड़ की.

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नवाज शरीफ को हटाने की रची साजिश
रिपोर्ट में खासतौर पर कहा गया है कि सभी क्षेत्रों पर सेना का प्रभाव नजर आ रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, 'अधिकतर विश्लेषकों को लगता है कि पाकिस्तान का सैन्य प्रतिष्ठान विदेश और सुरक्षा नीतियों पर लगातार हावी रहा है.' सीआरएस अमेरिकी कांग्रेस की एक स्वतंत्र अनुसंधान शाखा है जो सांसदों के लिए रिपोर्ट तैयार करती है. इमरान खान की पार्टी का समर्थन करने के लिए कथित रूप से सेना-न्यायपालिका ने साठगांठ की. हालांकि अब वजीर-ए-आजम इमरान खान से पाकिस्तान सेना और आईएसआई का मोह भंग हो रहा है.