UNSC में बैठक से पहले इमरान खान ने डोनाल्ड ट्रंप को किया फोन
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir)से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद बौखलाए पाकिस्तान (Pakistan) के कहने पर चीन ने यह मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में उठाया
नई दिल्ली:
कश्मीर के मुद्दे पर विश्व के कई देशों से दुत्कारे जाने के बाद पाकिस्तान ने अपने आका चीन से गुहार लगाई. इसके बाद चीन ने यह मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में उठाया. चीन के आग्रह पर ही यूएनएससी की एक बंद कमरे में रही बैठक में शुक्रवार को इस मुद्दे पर चर्चा हो रही है. बैठक से पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को फोन किया है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक ट्रंप और इमरान के बीच करीब 12 मिनट तक बातचीत हुई. इस बैठक से पहले इमरान का डोनाल्ड ट्रंप को फोन करना काफी अहम माना जा रहा है.
बता दें संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में यह दूसरा मौका है जब कश्मीर मुद्दे पर कोई बैठक होने जा रही है. हालांकि दूसरी बैठक 1971 की पहली बैठक से कई मायनों में भिन्न है. यूएनएससी में 1969-71 में 'सिचुएशन इन द इंडिया/पाकिस्तान (Pakistan) सबकॉन्टिनेंट' विषय के तहत कश्मीर का मुद्दा उठाया गया था.
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (यूएनएससी) में कुल 15 सदस्य हैं. इनमें 5 स्थाई और 10 अस्थाई हैं. अस्थाई सदस्यों का कार्यकाल कुछ वर्षों के लिए होता है जबकि स्थाई सदस्य हमेशा के लिए होते हैं. स्थाई सदस्यों में अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस शामिल हैं. अस्थाई देशों में बेल्जियम, कोट डीवोएर, डोमिनिक रिपब्लिक, इक्वेटोरियल गुएनी, जर्मनी, इंडोनेशिया, कुवैत, पेरू, पोलैंड और साउथ अफ्रीका जैसे देश हैं.
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स्थाई सदस्यों में चीन को छोड़ रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका ने पाकिस्तान (Pakistan) को झटका दिया है. इन देशों ने साफ कर दिया है कि कश्मीर मुद्दा हिंदुस्तान और पाकिस्तान (Pakistan) का आंतरिक मसला है.
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जहां तक चीन का सवाल है तो पाकिस्तान (Pakistan) के साथ उसके व्यापारिक हित हैं. पाकिस्तान (Pakistan) आतंकी कई देशों में कोहराम मचा चुके हैं लेकिन अभी तक उन्होंने किसी चीनी नागरिक को नहीं छुआ है. इसलिए चीन हर नफा-नुकसान देखते हुए पहले विकल्प में टिकना चाहता है.
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10 अस्थाई देशों में पोलैंड केवल पाकिस्तान (Pakistan) के साथ खड़ा दिख रहा है. हालांकि यह उसकी राजनयिक मजबूरी है. उसने भारत और पाकिस्तान (Pakistan) के इस बखेड़े से खुद को काफी दूर रखा है लेकिन पोलैंड चूंकि इस वक्त यूएनएससी का रोटेटिंग प्रेसिडेंट है, इसलिए उसके सामने बैठक कराना ही अंतिम विकल्प है.पोलैंड के अलावा डोमिनिक रिपब्लिक, इक्वेटोरियल गुएनी, जर्मनी, बेल्जियम, कोट डीवोएर, इंडोनेशिया, कुवैत, पेरू और साउथ अफ्रीका पाकिस्तान (Pakistan) को पूरी तरह नकार चुके हैं.
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भारत की ओर से संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त किए जाने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) ने यूएनएससी से कश्मीर मसले पर बैठक बुलाने की मांग की थी. अनुच्छेद 370 और 35ए के प्रावधानों के तहत ही जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir)को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था. सुरक्षा परिषद में शामिल चीन को छोड़कर बाकी सभी चारों स्थायी सदस्यों ने प्रत्यक्ष तौर पर भारत के इस रुख का समर्थन किया है कि यह विवाद भारत और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच द्विपक्षीय मसला है.
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