प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार के खिलाफ आजादी मार्च की गति को बरकरार रखने के लिए जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने अगले दो दिनों में कठोर निर्णय लेने का संकेत दिया है. डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार रात यहां धरने पर बैठे लोगों को संबोधित करते हुए रहमान ने कहा, "हमारा इतिहास विभिन्न घटनाक्रमों से भरा हुआ है. हमें कल या परसों तक निर्णय लेना होगा." जेयूआई-एफ प्रमुख ने कहा कि वे अपने धरना को यहां से और ज्यादा प्रभावी स्थान पर ले जाने पर विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "हम स्थिति और नहीं बिगाड़ना चाहते हैं. नौ महीनों में 1.5 करोड़ मार्च यह बताने के लिए काफी हैं कि हम कितने संगठित रहे हैं और आंदोलनकारियों ने कैसे कानून व्यवस्था कायम की."
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रहमान ने आर्थिक नीतियों के कारण भी सरकार की कड़ी आलोचना की और मौजूदा सरकार को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया. उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने पहले साल में ही पिछले 70 सालों की सरकारों द्वारा लिए गए इकट्ठे ऋण से ज्यादा ऋण ले लिया.
उन्होंने कहा कि खान की सरकार के दौरान मंहगाई बढ़ गई. पाकिस्तान में गरीब जनता अपने बच्चों के लिए राशन तक खरीदने में असमर्थ है. देश की अर्थव्यवस्था हर दिन के साथ बिगड़ती चली जाएगी. जेयूआई-एफ प्रमुख ने कहा कि मौजूदा सरकार का समय खत्म हो गया है और अब 'हम इस देश को चलाएंगे.'
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उन्होंने कहा, "हम देश को संतुष्टि और सुरक्षा देंगे." उन्होंने सरकार से इस्तीफा देने के लिए कहा. साथ ही यह भी कहा कि सरकार हमारे सब्र का इम्तिहान ना ले. हम इस सरकार को हटाने तक मैदान में बने रहेंगे.
पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार को हटाने के लिए जेयूआई-एफ द्वारा शुरू किया गया आजादी मार्च 31 अक्टूबर की रात इस्लामाबाद पहुंचा था. रहमान ने खान को इस्तीफा देने के लिए दो दिन का समय दिया है.
Source : आईएएनएस