भारत के खिलाफ एकजुटता दिखाने की पाकिस्तान की कोशिशों को झटका लगा है। तहरीक ए इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान ने पाकिस्तान की संसद की संयुक्त सत्र का बायकॉट करने का फैसला लिया है। उनका कहना है कि संयुक्त सत्र में भाग लेने का अर्थ है कि नवाज़ शरीफ का नेतृत्व स्वीकारना।
सर्जिकल सट्राइक का बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने पिछले हफ्ते संसद के संयुक्त सत्र बुलाया था। सर्जिकल सट्राइक कर भारत ने पीओके में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था।
इमरान खान नवाज़ शरीफ को सत्ता से हटाने की मुहिम चला रहे हैं। उनका कहना है कि नवाज़ शऱीफ के नेतृत्व को वो स्वीकर नहीं कर सकते इसलिये सत्र में हिस्सा नहीं लेंगे।
इमरान खान ने पार्टी नेताओं से बातचीत के बाद कहा, ”नवाज़ शरीफ पर हमारी लाइन साफ है, हमारा मानना है कि अगर हम सत्र में हिस्सा लेते हैं तो इशका साफ मतलब होगा कि उनको हम स्वीकार कर रहे हैं। लेकिन पनामा लीक के कारण उन्होंने सत्ता में बने रहने की नैतिकता खो चुके हैं। ”
इमरान खान ने कहा कि भारत के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में नवाज़ असफल रहे हैं। जब ये सब कुछ हुआ उस समय नवाज़ लंदन में शॉपिंग कर रहे थे।
जाहिर है इमरान खान के इस फैसले से भारत के खिलाफ एकजुट होने की पाकिस्तान और नवाज़ शरीफ की कोशिशों को झटका लगा है।
Source : News Nation Bureau