पाकिस्तान में विपक्षी दलों ने कोरोना वायरस (Covid-19) के खिलाफ प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Imran Khan) की रणनीति पर सवाल उठाया है और कहा है कि वह इस मामले में भी राजनीति कर रहे हैं. कोरोना वायरस के खिलाफ युवाओं की 'टाइगर फोर्स (Tiger Force)' बनाने के इमरान के ऐलान को विपक्ष ने राजनैतिक स्टंट बताया है और कहा है कि कोरोना रिलीफ फंड (Corona Relief Fund) के भी राजनैतिक इस्तेमाल का अंदेशा है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष व संसद के निचले सदन में नेता विपक्ष शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान के प्रमुख विपक्षी नेताओं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी, जमीयते उलेमाए इस्लाम के मौलाना फजलुर्रहमान, जमाते इस्लामी के नेता सिराजुल हक, कौमी वतन पार्टी के आफताब शेरपाओ व अन्य नेताओं से सलाह मशविरा कर विपक्ष का एक संयुक्त बयान व मांग पत्र जारी किया है.
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बयान व मांग पत्र में कहा गया है कि इमरान द्वारा घोषित कोरोना वायरस रिलीफ फंड के राजनैतिक उद्देश्यों के इस्तेमाल के लिए रोकने व इसके न्यायपूर्ण वितरण के लिए इसे संसद की समिति की निगरानी में सौंपा जाए. इसी तरह गरीबों के बीच बांटे जाने वाले राशन के बारे में भी मानदंडों को स्पष्ट रूप से बताया जाए और इसका भी राजनैतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल ना किया जाए.
विपक्ष ने मांग की है कि देश में कोरोना वायरस की सही तस्वीर का खुलासा करने के लिए सरकार तुंरत संबंधित संसदीय समिति व स्वास्थ्य समिति की बैठक बुलाए.
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इमरान ने देशव्यापी लॉकडाउन की स्थिति में गरीबों के घरों तक राशन पहुंचाने के लिए युवाओं की टाइगर फोर्स बनाने का ऐलान किया है. विपक्ष ने कहा है कि यह और कुछ नहीं बल्कि इमरान खान का एक राजनैतिक स्टंट है. विपक्ष ने कहा है कि पुलिस, रेंजर्स और प्रशासनिक मशीनरी पहले से मौजूद है. ऐसे में किसी फोर्स की जरूरत नहीं है. इस पर एक रुपया भी खर्च न किया जाए और इस बारे में लिए गए फैसले को तुरंत रद्द किया जाए.
Source : IANS