इमरान ने इस्लामाबाद मार्च को पाक का सबसे बड़ा स्वतंत्रता आंदोलन बताया

शीर्ष अदालत के फैसले से प्रोत्साहन मिलने के बाद अध्यक्ष इमरान खान ने बुधवार को अपने आजादी मार्च को देश के इतिहास का सबसे बड़ा स्वतंत्रता आंदोलन करार दिया. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, खान ने सियालकोट में एक पार्टी कार्यक्रम में कहा, मेरा दिल मानता है कि यह पाकिस्तान के इतिहास में सबसे बड़ा स्वतंत्रता आंदोलन होगा. हम अपना संघर्ष तब तक जारी रखेंगे जब तक देश को चुनाव के जरिए अधिकार नहीं मिल जाता.

शीर्ष अदालत के फैसले से प्रोत्साहन मिलने के बाद अध्यक्ष इमरान खान ने बुधवार को अपने आजादी मार्च को देश के इतिहास का सबसे बड़ा स्वतंत्रता आंदोलन करार दिया. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, खान ने सियालकोट में एक पार्टी कार्यक्रम में कहा, मेरा दिल मानता है कि यह पाकिस्तान के इतिहास में सबसे बड़ा स्वतंत्रता आंदोलन होगा. हम अपना संघर्ष तब तक जारी रखेंगे जब तक देश को चुनाव के जरिए अधिकार नहीं मिल जाता.

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IANS
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Imran Khan

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

शीर्ष अदालत के फैसले से प्रोत्साहन मिलने के बाद अध्यक्ष इमरान खान ने बुधवार को अपने आजादी मार्च को देश के इतिहास का सबसे बड़ा स्वतंत्रता आंदोलन करार दिया. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, खान ने सियालकोट में एक पार्टी कार्यक्रम में कहा, मेरा दिल मानता है कि यह पाकिस्तान के इतिहास में सबसे बड़ा स्वतंत्रता आंदोलन होगा. हम अपना संघर्ष तब तक जारी रखेंगे जब तक देश को चुनाव के जरिए अधिकार नहीं मिल जाता.

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सुप्रीम कोर्ट ने पहले पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) उमर अता बंदियाल के साथ इस्लामाबाद के लिए लंबे मार्च को तुरंत रोकने के संघीय सरकार के अनुरोध को खारिज कर दिया था और सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री खान के साथ बातचीत करने की सलाह दी थी.

जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार द्वारा खान को बार-बार चेतावनी किए जाने के बावजूद इस्लामाबाद के लिए लंबा मार्च 28 अक्टूबर (शुक्रवार) को लाहौर के लिबर्टी चौक से शुरू होगा.

शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने से पहले सरकार ने पीटीआई प्रमुख को बार-बार चेतावनी जारी की. एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अगर खान एक और लंबे मार्च की घोषणा करते हैं तो अधिकारी अपनी 25 मई की नीति को 10 से गुणा करेंगे.

अगर पीटीआई एक और लंबा मार्च निकालती है, तो खान दूसरी बार इस्लामाबाद आएंगे. अब से पहले मार्च 25 मई को आयोजित किया गया था और इस्लामाबाद पहुंचने के बाद खान ने अचानक इसे रोक दिया था.

खान ने अपने समर्थकों से कहा, पुराने और नए कार्यकर्ताओं को लामबंद करना शुरू कर देना चाहिए. यह सत्ता या राजनीति के लिए युद्ध नहीं है, बल्कि एक विदेशी साजिश के खिलाफ युद्ध है.

जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके लंबे मार्च का उद्देश्य सत्ताधारी डकैतों को हराकर देश के लिए असली आजादी हासिल करना है.

Source : IANS

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