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कंगाल पाकिस्तान की कमर टूटी, IMF की शर्तों पर बोले शहबाज शरीफ

पाकिस्तान के पास अब विकल्प नहीं हैं. अब उसे आईएमएफ की शर्तों पर आंख मूंद कर चलना होगा. आईएमएफ की शर्तें इतनी कड़ी हैं  कि इसे मानना आसान नहीं है.

Updated on: 03 Feb 2023, 09:54 PM

highlights

  • पाकिस्तान में महंगाई आसमान छू रही है
  • IMF की एक टीम इस सप्ताह मंगलवार को पाकिस्तान पहुंची  
  • शर्तों को लेकर शहबाज शरीफ काफी परेशान हैं

नई दिल्ली:

Pakistan Crisis: पाकिस्तान के पास अब विकल्प नहीं हैं. अब उसे आईएमएफ (IMF) की शर्तों पर आंख मूंद कर चलना होगा. आईएमएफ की शर्तें इतनी कड़ी हैं कि इसे मानना आसान नहीं है. दरअसल, पाकिस्तान आईएमएफ  से बेलआउट पैकेज की डिमांड कर रहा है. इसकी कठिन शर्तों ने पाकिस्तान की हालत बिगाड़ दी है. पाक पीएम शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को कहा कि आईएमएफ की शर्तें पूरी करने के लिए  पाकिस्तान जिन आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, वो कल्पना से परे है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार और उनकी  टीम इस समय कठिन हालात से गुजर रही है. 

आईएमएफ की एक टीम इस सप्ताह मंगलवार को पाकिस्तान पहुंची  जो पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर के लोन प्रोग्राम को शामिल करने के लिए नौंवी समीक्षा बैठक कर रही है. टीम 9 फरवरी तक पाक   के वित्त मंत्री और उनकी टीम से प्रोग्राम की शर्तों को लागू करवाने बात करने वाली है. 

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दरअसल, IMF की कुछ शर्तों को लागू करने के बाद पाकिस्तान में महंगाई आसमान छू रही है. पाकिस्तानी रुपया ऐतिहासिक रूप से लुढ़का है. यहां पर पेट्रोलियम उत्पादों के दाम 16 प्रतिशत बढ़ा दिए गए हैं. रसोई गैस की कीमतों में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.  IMF की शर्तों को लेकर शहबाज शरीफ काफी परेशान हैं. उन्होंने मीडिया से कुछ पहले कहा कि देश के पास IMF बेलआउट पैकेज को स्वीकार करने के अलावा किसी तरह का विकल्प नहीं है. ऐसे में वो इस प्रोग्राम को मंजूरी देने की प्रक्रिया को अपनाने की राह पर हैं.   अगर देश इस प्रोग्राम से इनकार करता है तो वह डिफॉल्टर हो  सकता है. शाहबाज ने देश की स्थिति को लेकर शुक्रवार को कहा, इस वक्त  हमारी आर्थिक चुनौती कठिन है. IMF की समीक्षा पूरी करने के लिए हमें जिन शर्तों को मानना है,वे अकल्पनीय हैं.' 

पाकिस्तान मात्र 18 दिनों तक ही आयात कर सकेगा

पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार निचले पायदान पर पहुंच चुका है.  पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 3.09 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है. इस पैसे में पाकिस्तान मात्र 18 दिनों तक ही आयात कर सकेगा. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 2014 के बाद से सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है.

पाकिस्तान ने अगर बहुत जल्द ही IMF की सभी शर्तें अमल में नहीं लाता है तो उसे बेलआउट पैकेज से मेहरूम रहना पड़ सकता है. IMF बेलआउट पैकेज देश की समस्या का हल नहीं है. पाकिस्तान के विशेषज्ञों के अनुसार, IMF का पैकेज कुछ समय के लिए भले ही देश को डिफॉल्ट होने से बचा ले, मगर इससे सभी समस्याओं का हल नहीं होगा. विशेषज्ञों के अनुसार, अभी पाकिस्तान को बड़े सुधार की आवश्यकता है.