पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की गुगली टिप्पणी को यह कहते हुए सोमवार को खारिज कर दिया कि करतारपुर गलियारे को खोलना कोई दोहरा खेल नहीं है, बल्कि यह भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंधों को विकसित करने का एक गंभीर प्रयास है. खान ने राजधानी में टीवी एंकरों और संवाददाताओं से मुलाकात के दौरान कहा, '(करतारपुर का ऐतिहासिक) समारोह एक शांति की पहल था. यह एक गंभीर प्रयास था. इसीलिए भारतीय मंत्रियों को निमंत्रण दिया गया था. यह गुगली हरगिज नहीं था.'
प्रधानमंत्री इमरान ने करतारपुर गलियारे को विकसित करने के लिए 28 नवंबर को एक ऐतिहासिक समारोह आयोजित किया, जिस मौके पर भारतीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, हरदीप पुरी और कांग्रेस पार्टी के नेता नवजोत सिंह सिद्धू मौजूद थे. यह गलियारा करतारपुर गुरुद्वारे को भारत के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक से जोड़ेगा.
और पढ़ें : ट्रंप-शी बैठक के बाद अमेरिका, चीन पर 90 दिन तक कोई व्यापारिक कार्रवाई नहीं करने पर राजी
कुरैशी ने बाद में कहा था कि खान ने करतारपुर सीमा को खोलने की पहल कर भारत को एक गुगली पेश की. उन्होंने यह बात तब कही, जब इसके पहले विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने यह कहते हुए पाकिस्तान के साथ किसी भी संवाद की बात खारिज कर दी कि वार्ता और आतंकवाद साथ-साथ नहीं चल सकते.
बाद में दोनों विदेशमंत्रियों ने इस मौके को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने का एक-दूसरे पर आरोप लगाए.
खान ने सोमवार को यह भी कहा कि उनका देश भारत के साथ कश्मीर विवाद सुलझाने के लिए वचनबद्ध है.
Source : IANS