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तालिबान राज में भूख ने किया बेबस, बेटियों को बेचने पर मजबूर हुए लोग

तालिबान राज आने के बाद अफगानिस्तान दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकटों से गुजर रहा है. संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने भी कहा है कि देश में आधे से अधिक लोग भोजन की कमी का सामना कर रहे हैं. इसी बीच हेरात और बडघिस प्रांत से चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है.

Updated on: 27 Oct 2021, 09:35 AM

highlights

  • सबसे खराब मानवीय संकटों से गुजर रहा तालिबान
  • भोजन सुरक्षित करने के लिए अपनी बेटियों की शादी करा रहे हैं लोग
  • जल्द कदम नहीं उठाए गए तो देश में बिगड़ सकते हैं हालात

काबुल:

तालिबान राज आने के बाद अफगानिस्तान दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकटों से गुजर रहा है. संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने भी कहा है कि देश में आधे से अधिक लोग भोजन की कमी का सामना कर रहे हैं. इसी बीच हेरात और बडघिस प्रांत से चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है. यहां परिवार अपनी बेटियों को कर्ज चुकाने और जीवित रहने के लिए पर्याप्त भोजन सुरक्षित करने के लिए अपनी बेटियों को शादी कर बेचने को मजबूर हैं. हाल ही में भूखमरी को लेकर यूएन ने भी भयावह आंकड़ा पेश किया है. यूएन ने कहा कि इस सर्दी में 22 मिलियन से अधिक अफगान खाद्य असुरक्षा का सामना करेंगे. तालिबान राज आने के बाद देश की स्थिति और भी भयावह हो गई है.

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वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के कार्यकारी निदेशक डेविड बेस्ली ने कहा, इस सर्दी में लाखों अफगान भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे. अधिकारियों ने बताया कि यहां की संकट पहले से ही युद्धग्रस्त यमन और सीरिया से बड़ा हो चुका है. कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के अलावा यहां खाद्य असुरक्षा आपातकाल से भी बदतर है. बेस्ली ने एक बयान में कहा, वर्तमान में अफगानिस्तान दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकटों के दौर से गुजर रहा है. हम तबाही की उलटी गिनती गिन रहे हैं और अगर हम अभी जल्द ही इस पर अमल नहीं करेंगे तो भयानक मंजर देखने को मिल सकते हैं. विश्व खाद्य कार्यक्रम और संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन द्वारा जारी बयान के अनुसार, दो में से एक अफगान को भोजन की कमी का सामना करना पड़ रहा है.

अधिकारियों ने बताया कि अफगानिस्तान पहले से ही 20 साल के गृहयुद्ध से उबरने के लिए संघर्ष कर रहा है.ख पिछले एक दशक में सबसे खराब दौर से गुजर रहा है.  एफएओ के महानिदेशक क्व डोंग्यु ने कहा: यह जरूरी है कि हम देश के एक बड़े हिस्से में लाखों लोगों के साथ किसानों, महिलाओं, युवाओं खाद्य आपूर्ति को कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से पहुंचाने का कार्य करें. बच्चे और बुजुर्ग कड़ाके की ठंड में भूखे रह रहे हैं.

अगस्त महीने में कट्टरपंथी इस्लामी तालिबान ने अमेरिका समर्थित शासन को उखाड़ फेंका था और एक अंतरिम सरकार की घोषणा की थी. हालांकि देश में स्थिरता बहाल करने को लेकर वादे भी किए गए थे, लेकिन तालिबान को अभी भी कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों और प्रतिद्वंद्वी कट्टर इस्लामिक स्टेट द्वारा खूनी हमलों के अभियान का सामना करना पड़ रहा है.  जबकि जलवायु परिवर्तन ने अफगानिस्तान में आए सूखे की स्थिति को और अधिक भयावह बना दिया है. देश के पश्चिमी इलाके में हजारों गरीब परिवार पहले ही अपने बुरी स्थिति में है. वह सभी बड़े शहरों के पास अस्थायी शिविरों में रहने के लिए मजबूर हैं. वह सभी भूखमरी के कगार पर हैं. वर्तमान में देश की हालत ऐसी स्थिति में पहुंच गई है जहां तालिबान राज में सत्ता संभाले राजनीतिक नेताओं को भी यह नहीं समझ आ रहा है कि इसका समाधान कैसे निकाला जाए.