पीएनबी घोटाला मामले में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की गिरफ्तारी को लेकर चीन भारत की मदद कर सकता है।
इस बारे में चीन ने सोमवार को बताया कि स्थानीय कानून और आपसी न्यायिक सहायता समझौतों के आधार पर हॉन्ग-कॉन्ग भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी की गिरफ्तारी के अनुरोध को स्वीकार कर सकता है।
भारत के विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ने पिछले हफ्ते ही संसद को बताया था कि विदेश मंत्रालय ने हॉन्ग-कॉन्ग प्रशासन से नीरव मोदी की प्रविजनल गिरफ्तारी के लिए अनुरोध किया है।
इस बारे में जब चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग से पूछा तो उन्होंने कहा, 'एक देश दो नीति और HKSAR (हॉन्ग कॉन्ग स्पेशल ऐडमिनिस्ट्रेटिव) के अनुसार HKSAR अन्य देशों के साथ आपसी न्यायिक सहयोग को लेकर पूरी व्यवस्था कर सकता है।'
और पढ़ें : बीजेपी विधायक पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला के पिता की जेल में संदिग्ध मौत, न्यायिक जांच के आदेश
गेंग ने आगे कहा, 'अगर भारत HKSAR से उचित अनुरोध करता है, तो हमें लगता है कि HKSAR भारत के साथ हुए न्यायिक समझौतों के तहत बुनियादी कानून का पालन करेगा।'
प्रविजनल अरेस्ट औपचारिक तौर पर प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध से पहले की प्रक्रिया होती है। इसके बाद वांछित व्यक्ति पर शिकंजा कस जाता है और वह जहां भी होता है उसे वहीं से हिरासत में लिया जा सकता है।
बता दें कि नीरव मोदी पर पीएनबी के साथ 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीरव मोदी हॉन्ग-कॉन्ग में है, जो कि चीन का विशेष प्रशासनिक क्षेत्र है।
और पढ़ें- कांग्रेस का उपवास ख़त्म, राहुल बोले BJP की दलित विरोधी मानसिकता का विरोध जारी रहेगा
Source : News Nation Bureau