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पाकिस्तान: हिंदू लड़की को बीच सड़क पर अपहरणकर्ताओं ने मारी गोली, मौत

ये पूरा मामला सिंध प्रांत के सुक्कुर जिले का है. ये जिला भारत से सटा हुआ है. यहां पर करीब 3.85 फीसदी आबादी हिंदू है. जानकारी के मुताबिक, लड़की गली से निकल कर कहीं जा रही थी, तभी उसके अपहरण का प्रयास हुआ...

Updated on: 22 Mar 2022, 10:27 AM

highlights

  • पाकिस्तान में हिंदू लड़की की हत्या
  • अपहरण की कोशिश के दौरान हत्या
  • सिंध प्रांत के सुक्कुर जिले की वारदात

नई दिल्ली:

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर जुल्म-ओ-सितम रुकने का नाम नहीं ले रहा है. नए मामले में 18 साल की पूजा नाम की लड़की को अपहरणकर्ताओं ने अपहृत करने का प्रयास किया, लेकिन जब लड़की ने इसका तीखा विरोध किया और मुंहतोड़ जवाब दिया तो उसे बीच सड़क पर ही गोलियों से भून दिया गया. पीड़ित युवती पूजा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. ये मामला सुक्कुर के रोहरी का है. बता दें कि पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों के अपहरण के बाद उनके जबरन निकाह की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. ऐसे मामलों में पाकिस्तान का स्थानीय प्रशासन भी कार्रवाई करने से बचता है, क्योंकि आरोपी पक्ष मुस्लिम होते हैं और प्रशासन पर स्थानीय धार्मिक नेताओं का काफी दबाव रहता है. 

पाकिस्तानी मीडिया में छाया मुद्दा

ये पूरा मामला सिंध प्रांत के सुक्कुर जिले का है. ये जिला भारत से सटा हुआ है. यहां पर करीब 3.85 फीसदी आबादी हिंदू है. जानकारी के मुताबिक, लड़की गली से निकल कर कहीं जा रही थी, तभी उसके अपहरण का प्रयास हुआ. लड़की ने जब मजबूती से इसका विरोध किया और अपहरणकर्ताओं को लगा कि वो लड़की का अपहरण नहीं कर पाएंगे. तो उन्होंने उसे गोलियों से भून दिया. लड़की न सिर्फ उन अपहरणकर्ताओं से भिड़ गई थी, बल्कि उसकी मदद के लिए आस-पास के लोग भी आगे बढ़ रहे थे, जिसके बाद अपहरणकर्ताओं ने उसे गोली मार दी और फरार हो गए. मृत लड़की का नाम पूजा ओड है. 

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पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर बढ़े अत्याचार के मामले

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का लंबा इतिहास रहा है. सिंध प्रांत में सिंधी और पंजाबी मुस्लिमों को छोड़कर बाकी सभी वर्ग निशाने पर रहा है. सुक्कुर जिले में भारत से गए मुहाजिरों की कई बस्तियां हैं. लेकिन कुछ समय से सिंध प्रांत में हिंदू लड़कियों का अपहरण कर उनका जबरन निकाह करवा दिया जाता है. इस तरह के अधिकतर मामले दर्ज ही नहीं हो पाते, क्योंकि स्थानीय पुलिस और प्रशासन पर धार्मिक-राजनीतिक नेताओं का दबाव रहता है. बता दें कि कुछ समय पहले ऐसे ही एक मामले में 2 नाबालिग लड़कियों का अपहरण कर उन्हें महीनों तक छिपा कर रखा गया और उनका जबरन निकाह करवा दिया गया. स्थानीय प्रशासन भी पीड़ित परिवार पर समझौते के लिए दबाव डालती रही.