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हामिद अंसारी ने 'ISI के मंच' से सरकार पर साधा निशाना, बोले- भारत में बढ़ रही असहिष्णुता

हामिद अंसारी ने गणतंत्र दिवस के मौके पर वॉशिंगटन में आयोजित वर्चुअल इवेंट में यह बातें कहीं, उनके साथ इस कार्यक्रम में एक अमेरिकी सीनेटर और निचले सदन यानी यूएस कांग्रेस के तीन सांसद शामिल थे

Updated on: 27 Jan 2022, 03:10 PM

highlights

  • इस कार्यक्रम में अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के चेयरमैन ने शिरकत की
  • हामिद अंसारी ने कहा, मजहब के आधार पर असहिष्णुता को हवा दी जा रही है
  • कार्यक्रम में एक अमेरिकी सीनेटर और निचले सदन यानी यूएस कांग्रेस के तीन सांसद शामिल थे

नई दिल्ली:

देश में दंगे भड़काने और ISI से लिंक होने का जिस संगठन पर आरोप है,उसके मंच से हामिद अंसारी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में नागरिक राष्ट्रवाद को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से बदलने की कोशिश हो रही है. पूर्व उपराष्ट्रपति के अनुसार धार्मिक बहुमत को राजनीतिक एकाधिकार के रूप में पेश करने और मजहब के आधार पर असहिष्णुता को हवा दी जा रही है. हामिद अंसारी ने गणतंत्र दिवस के मौके पर वॉशिंगटन में आयोजित वर्चुअल इवेंट में यह बातें कहीं. उनके साथ इस कार्यक्रम में एक अमेरिकी सीनेटर और निचले सदन यानी यूएस कांग्रेस के तीन सांसद शामिल थे. इस कार्यक्रम में अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के चेयरमैन ने शिरकत की. 

भारत के 'बहुलतावादी संविधान का संरक्षण' विषय पर आयोजित कार्यक्रम में हामिद अंसारी एवं अन्य लोगों ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ हेट स्पीच. UAPA एक्ट के कथित बेजा उपयोग और कश्मीरी कार्यकर्ता खुर्रम परवेज की गिरफ्तारी को लेकर चर्चा की. हालांकि ऐसे तमाम दावों को भारत सरकार खारिज कर चुकी है. सरकार की ओर से लोकतांत्रिक रिकॉर्ड का हवाला देकर उन्होंने कहा कि उसकी संसदीय प्रणाली और कानूनी प्र​क्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है. देश में नियमित और पारदर्शी चुनावों को भारत सरकार दुनिया के आगे लोकतंत्र की सफलता के तौर पर  पेश करती रही है. 

अतिवादी संगठनों से लिंक का आरोप

वॉशिंगटन में इस कार्यक्रम का आयोजन 17 अमेरिकी संगठनों के समूह की ओर से किया गया था. इनमें से एक संगठन इंडियन-अमेरिकन मुस्लिम का काउंसिल से जुड़ा हुआ है. इसे त्रिपुरा सरकार शीर्ष अदालत में दिए अपने एफिडेविट में राज्य में हुए सांप्रदायिक दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराया है. इसके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े रहे का आरोप है. इन आरोपों को IAMC ने खारिज किया है. उसका कहना है कि वह एक अमेरिकी नागरिक अधिकार संगठन है.