फिलिस्तीन के हमास ने कहा कि इजरायल के साथ कैदियों की अदला-बदली वाले समझौते तक पहुंचने की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है।
हमास के पोलित ब्यूरो के सदस्य जहेर जबरीन ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को भेजे एक बयान में कहा कि अब तक, कोई प्रगति नहीं हुई है क्योंकि इस मुद्दे के बारे में इजरायल पक्ष कोई गंभीर कदम नहीं उठा रहा है।
जबरीन इजरायल की लेबर पार्टी के सांसद एमिली हया मोत्ती की इस टिप्पणी का जवाब दे रहे हैं कि कैदियों की अदला-बदली सौदे के लिए दोनों पक्षों के बीच अप्रत्यक्ष बातचीत में प्रगति देखी गई है।
इजरायल रेडियो के अनुसार, केसेट सदस्य मोआती ने इसे एक संवेदनशील और गोपनीय मुद्दा बताते हुए ज्यादा जानकारी नहीं दी।
जबरीन ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां समय-समय पर बंदी इजरायली सैनिकों के परिवारों को अपनी सरकार पर दबाव बनाने से रोकने के लिए की जाती हैं।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को हल करने के इरादे की कमी के कारण इजरायल में नाराजगी है और कहा कि बंदी सैनिकों के मुद्दे के लिए जिम्मेदार सबसे महत्वपूर्ण अधिकारियों में से एक मोशे ताल ने इस वजह से इस्तीफा दे दिया है।
हमास के सशस्त्र विंग अल-कसम ब्रिगेड ने अप्रैल 2016 में घोषणा की है कि उसने अपने भाग्य के बारे में कुछ भी कहे बिना चार इजरायली बंदी बनाए।
साल 2011 में मिस्र ने इजरायल और हमास के बीच एक कैदी की अदला-बदली का सौदा किया, जिसके तहत इजरायल ने सैनिक गिलाद शालिट की रिहाई के बदले में 1,000 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया था।
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Source : IANS