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कोलंबिया को मिला पहला वामपंथी राष्ट्रपति, गुस्तावो पेट्रो ने शपथ बाद किए कई वादे

गुस्तावो पेट्रो ने गरीबी उन्मूलन और ग्रामीण इलाकों के विकास के मसले पर चुनाव लड़ा था और वह मतदाताओं का दिल छूने में सफल रहे. इस तरह गुस्तावो पेट्रो कोलंबिया के पहले वामपंथी राष्ट्रपति चुने गए.

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Nihar Saxena
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Gustavo Petro

एक समय सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह में भी रहे हैं पेट्रो शामिल.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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कोलंबिया (Colombia) में रविवार को पहले वामपंथी (Leftist) राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने शपथ ले ली.  कोलंबिया के एम-19 गोरिल्ला समूह के सदस्य रहे गुस्तावो ने जून में कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार को हराकर राष्ट्रपति (President) पद का चुनाव जीता था. गुस्तावो का कोलंबिया के राष्ट्रपति पद पर पहुंचना कई मायनों  में ऐतिहासिक है. लंबे समय तक सशस्त्र विद्रोह की आग में झुलसे कोलंबिया में मतदाताओं की पसंद वामपंथी नेता कभी भी नहीं रहे. कोलंबियंस का मानना है कि वामपंथी का झुकाव विद्रोह में शामिल रहे गोरिल्ला समूहों की तरफ है. इसके साथ ही वामपंथी अपराध को लेकर भी सख्त रवैया नहीं अपनाते. ऐसे में गुस्तावो पेट्रो (Gustavo Petro) ने बढ़ती गरीबी और मानवाधिकार समेत पर्यावरण के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं के साथ हो रही हिंसा को मुद्दा बना चुनाव जीता. गुस्तावो ने कोलंबिया में व्याप्त असमानता दूर  कर लंबे समय तक गोरिल्ला युद्ध झेलने वाले देश में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की बात कह मतदाताओं को आकर्षित किया.

2016 में सरकार और गोरिल्ला समूहों में हुआ शांति समझौता
गौरतलब है कि लातिन अमेरिकी देश कोलंबिया में लंबे समय तक गोरिल्ला युद्ध चला. विद्रोही गुटों और सरकार के बीच जारी हिंसा ने आम लोगों की जिंदगी को पटरी से उतार दिया. हिंसा से बढ़ती अव्यवस्था ने 2016 में कोलंबिया सरकार और गोरिल्ला समूहों को शांति समझौते के लिए प्रेरित किया. इस समझौते  के बाद कोलंबिया की सरकार ने गरीबी उन्मूलन और देश में व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करने के उद्देश्य पर काम करना शुरू किया. अमीर-गरीब की बढ़ती खाई और प्राकृतिक संसाधनों के अतार्किक दोहन ने कोलंबिया की अर्थव्यवस्था को गहरा धक्का पहुंचाया है. ऐसे में गुस्तावो पेट्रो ने गरीबी उन्मूलन और ग्रामीण इलाकों के विकास के मसले पर चुनाव लड़ा था और वह मतदाताओं का दिल छूने में सफल रहे. इस तरह गुस्तावो पेट्रो कोलंबिया के पहले वामपंथी राष्ट्रपति चुने गए. 

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गरीबी उन्मूलन और ग्रामीण इलाकों के विकास का लक्ष्य
गुस्तावो पेट्रो उन वामपंथी नेताओं में शुमार होते हैं, जो इस लातिन अमेरिकी देश में निर्वाचित होकर आ रहे हैं. गौरतलब है कोरोना महामारी ने पहले से आर्थिक चुनौतियों का सामना कर लोगों के समक्ष गंभीर संकट खड़ा कर दिया है. पेट्रो ने विकास के नाम पर वनों की कटाई पर रोक लगाने और जलवायु परिवर्तन के दौर में जीवाश्म ईधन पर निर्भरता कम करने का लक्ष्य रखा है. राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद पेट्रो ने कहा कि वह अन्य विद्रोही गुटों के साथ शांति वार्ता फिर से शुरू करेंगे. 2016 में सरकार और फार्क के बीच शांति समझौते के बावजूद कुछ सशस्त्र विद्रोही गुट सोने की खदानों और अन्य प्राकृतिक ससाधनों पर कब्जे को लेकर आपसी संघर्ष में उलझे हुए हैं. 

HIGHLIGHTS

  • 63 साल के गुस्तावो पेट्रो एम-19 गोरिल्ला समूह के सदस्य भी रहे
  • कंजर्वेटिव पार्टी के प्रत्याशी को हरा जून में जाती था पेट्रो ने चुनाव
  • सक्रिय विद्रोही गुटों से शांति समझौता भी गुस्तावों की योजना में
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