कनाडा से अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश के दौरान भीषण ठंड की वजह से मारे गए गुजराती परिवार के चारों सदस्यों का अंतिम संस्कार विन्निपेग में ही किए जाने की संभावना हैं।
इस बारे में उनके परिजनों ने शवों को भारत नहीं लाने का निर्णय किया गया है। इस बीच पीड़ित परिवार के लिए 70 हजार डालर की राशि जुटा ली गई है।
परिवार के चारों सदस्यों की पहचान बाद जगदीश पटेल 39, उनकी पत्नी वैशालीबेन पटेल, 37, बेटी विहांगी पटेल, 11 और बेटे धर्मिक पटेल, 3 के रूप में हुई है। पोस्टमार्टम के बाद इनके शव वर्तमान में विन्निपेग के एक मुर्दाघर में रखे हुए हैं।
अहमदाबाद के पास उनके पैतृक गांव डिंगुचा में मृतक के चचेरे भाई जसवंत पटेल ने कहा कि परिवार चाहता है कि उनका अंतिम संस्कार कनाडा में हो।
ओटावा में भारतीय उच्चायोग गुजरात में पीड़ित परिवार के संपर्क में है और वह इस मामले पर अंतिम फैसला लेगा।
विन्निपेग के गुजराती समुदाय को अंतिम संस्कार के बारे में औपचारिक निर्णय का इंतजार है। गुजराती लोगों ने शनिवार को पीड़ित परिवार के लिए एक ऑनलाइन शांति पाठ (प्रार्थना सभा) आयोजित की।
मैनिटोबा की हिंदू सभा के आयोजक भद्रेश भट्ट ने बताया, हमने परिवार के लिए प्रार्थना की और 60 से अधिक लोग हमारे साथ शामिल हुए। हमारे स्थानीय सांसद और मेयर ने भी घटना पर शोक व्यक्त किया।
इस त्रासदी के सामने आने के बाद से भारतीय उच्चायोग के लगातार संपर्क में रह रहे भट्ट ने बताया कि मिशन के अधिकारी गुजरात में पीड़ित परिवार के रिश्तेदारों के संपर्क में हैं।
उन्होंने कहा, चूंकि विन्निपेग में पीड़ित परिवार का कोई रिश्तेदार और दोस्त नहीं है, भारतीय उच्चायोग ही अंतिम संस्कार का फैसला करेगा कि क्या इसे विन्निपेग में किया जाएगा।
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Source : IANS