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हरी आंखों वाली 'अफगान गर्ल' शरबत गुला फिर सुर्खियों में, इस बार इसलिए हो रही है चर्चा

अमेरिकी फोटोग्राफर स्टीव मैककरी ने पाकिस्तान-अफगान सीमा पर एक शरणार्थी शिविर में रहने वाली गुला की तस्वीर तब ली थी, जब वह छोटी थी। ये तस्वीर 1985 में खिंची गई थी.

Updated on: 26 Nov 2021, 10:19 AM

highlights

  • इटली ने "अफगान गर्ल" शरबत गुला को दिया आश्रय
  • 1985 की तस्वीर अफगानिस्तान के युद्धों का प्रतीक बन गई थी
  • अमेरिकी फोटोग्राफर स्टीव मैककरी ने ली थी शरबत गुला की तस्वीर

रोम:

इटली ने हरी आंखों वाली "अफगान गर्ल" शरबत गुला को सुरक्षित आश्रय दिया है, जिसकी नेशनल ज्योग्राफिक में 1985 की तस्वीर उसके देश के युद्धों का प्रतीक बन गई थी. प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी के कार्यालय ने शरबत गुला को लेकर जानकारी दी है. 1985 में नेशनल ज्योग्राफिक चैनल पर आई अफगानिस्तान की रहने वाली शरबत गुला की तस्वीर ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था. एक बयान में कहा गया है कि अगस्त महीने में अफगानिस्तान में तालिबानी शासन कायम करने के बाद गुला ने अफगानिस्तान छोड़ने के लिए मदद मांगी थी, जिसके बाद सरकार ने हस्तक्षेप किया. एक बयान में कहा गया कि उनका इटली में आश्रय अफगान नागरिकों को निकालने और एकीकृत करने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम का हिस्सा था. अमेरिकी फोटोग्राफर स्टीव मैककरी ने पाकिस्तान-अफगान सीमा पर एक शरणार्थी शिविर में रहने वाली गुला की तस्वीर तब ली थी जब वह एक युवा बच्ची थी. 

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1985 में खिंची गई थी तस्वीर

अमेरिकी फोटोग्राफर स्टीव मैककरी ने पाकिस्तान-अफगान सीमा पर एक शरणार्थी शिविर में रहने वाली गुला की तस्वीर तब ली थी, जब वह छोटी थी। ये तस्वीर 1985 में खिंची गई थी. शरबत गुला की चौंका देने वाली हरी आंखें, एक सर पर बंधा हेडस्कार्फ और आंखों में भरा दर्द, उस वक्त अफगानों के दर्द का प्रतीक बन गई थी. शरबत गुला की तस्वीर अंतर्राष्ट्रीय पहचान बन गई थी। 2002 में जब फोटोग्राफटर स्टीव मककरी वापस अफगानिस्तान पहुंचे थे, तो उन्होंने शरबत गुला को फिर से खोजा था और एक बार फिर से उनकी तस्वीर ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. नेशनल ज्योग्राफिक ने उस वक्त कहा था कि एफबीआई विश्लेषक और फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने अफगानिस्तान की इस लड़की की पहचान की पुष्टि की थी.

वर्ष 2016 में पाकिस्तान ने किया था गिरफ्तार

वर्ष 2016 में पाकिस्तान ने देश में रहने के प्रयास और राष्ट्रीय पहचान पत्र बनाने के आरोप में गुला को गिरफ्तार किया था. 
तत्कालीन अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने उनका स्वागत किया था और उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए एक अपार्टमेंट देने का वादा किया कि वह "अपनी मातृभूमि में सम्मान और सुरक्षा के साथ रह सकती हैं. अफगानिस्तान पर तालिबानी शासन के आने के बाद से महिलाओं आजादी पूरी तरह छिन गई है. वहां महिलाओं के ऊपर कई तरह की पाबंदियां लगा दी गई है. 


जान बचाने के लिए पहुंची थी पाकिस्तान

शरबत गुला का संघर्ष जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. वर्ष 1979 में अफगानिस्तान पर सोवियत संघ द्वारा आक्रमण के करीब पांच सालों के बाद शरबत गुला उन लाखों अफगानों में से एक थी, जो अपनी जान बचाने के लिए पाकिस्तान पहुंची थी। शरबत गुला अनाथ हो चुकी थी और पाकिस्तान सरकार ने उसे गिरफ्तार करने के बाद 2019 में उसे अफगानिस्तान भेज दिया था. वहीं, सितंबर की शुरुआत में रोम ने कहा कि उसने अगस्त में तालिबान द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद अफगानिस्तान से लगभग 5,000 अफगानों को बाहर निकाला था.