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आर्टिकल-370 रद्द करने के फैसले का समर्थन करने वाले ग्लोबल कश्मीरी पंडित ने मोदी से की ये अपील

जम्मू एवं कश्मीर राज्य से अनुच्छेद 370 व 35ए को रद्द करने के भारत सरकार के निर्णय का समर्थन करते हुए ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा (जीकेपीडी) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ये अपील की है.

Updated on: 04 Nov 2019, 03:30 AM

नई दिल्ली:

जम्मू एवं कश्मीर राज्य से अनुच्छेद 370 व 35ए को रद्द करने के भारत सरकार के निर्णय का समर्थन करते हुए ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा (जीकेपीडी) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कश्मीरी पंडितों की प्रतिनिधि सलाहकार परिषद का गठन करने का आग्रह किया. जीकेपीडी के सदस्यों का पांच सदस्यीय दल बैंकाक कश्मीरी पंडित एसोसिएशन के अध्यक्ष दलीप कुमार बख्शी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शनिवार को मिला.

जीकेपीडी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, इस समूह में विकास मरहाटा, सरला पंडित, उषा फोतेदार व उषा बख्शी शामिल रहे. इस समूह ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा और भारत सरकार द्वारा कश्मीरी पंडितों की प्रतिनिधि सलाहकार परिषद के गठन की मांग की.

बयान में बख्शी के हवाले से कहा गया, "हमने अपने ज्ञापन में माननीय प्रधानमंत्री से अपने एक सूत्री मांग पर विचार करने का आग्रह किया है. भारत सरकार को कश्मीरी पंडितों की प्रतिनिधि सलाहकार परिषद के गठन की जरूरत है, जो गृहमंत्री अमित शाह के संरक्षण में काम कर सकती है."

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बैंकाक में कहा कि उनकी सरकार ने करदाताओं का उत्पीड़न रोकने के लिए कर संग्रह के क्षेत्र में कई बड़े कर सुधार किए हैं. पिछले पांच साल में उनकी सरकार द्वारा किए गए वित्तीय सुधारों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में कर आंकलन के दौरान करदाताओं का उत्पीड़न रोकने के लिये ऐसी व्यवस्था शुरू की गई है जिसमें करदाता और कर अधिकारी को आमने-सामने आने की जरूरत नहीं है.

थाइलैंड में आदित्य बिड़ला समूह के परिचालन की स्वर्ण जयंती के मौके पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि अब भारत वैश्विक स्तर पर सबसे अनुकूल कर व्यवस्था वाला देश बन गया है और इस प्रणाली में और सुधार लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. भारत और थाइलैंड के उद्योग जगत के दिग्गजों की मौजूदगी में प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर बताया कि कैसे माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने से देश में आर्थिक दृष्टि से एकीकरण हुआ है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इसे और अनुकूल बनाने के लिए काम कर रही है.

मोदी ने कहा, ‘पिछले पांच साल के दौरान हमने मध्यम वर्ग से कर का बोझ काफी कम किया है. अब हम ऐसी कर व्यवस्था शुरू कर रहे हैं जिसमें करदाता और कर अधिकारी का आमना सामना नहीं होगा जिससे करदाता के किसी तरह के उत्पीड़न की गुंजाइश समाप्त होगी.

विपक्षी कांग्रेस पार्टी लगातार यह आरोप लगाती रही है कि मोदी सरकार में कर अधिकारी उन कारोबारियों और राजनीतिक नेताओं को परेशान कर रहे हैं जो सरकार के खिलाफ बोलते हैं. इससे पहले अगस्त में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योग जगत से कहा था कि अब उन्हें किसी तरह के उत्पीड़न का सामना नहीं करना होगा क्योंकि ऐसी नयी प्रणाली लाई जा रही है जिसमें अधिकारियों को उनकी कार्रवाई के लिए जवाबदेह बनाया जाएगा.