जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने लगातार चौथी बार देश के आम चुनाव में जीत हासिल की है। हालांकि इस बार उनकी पार्लियामेंट में एंट्री दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी की मदद के बिना नहीं हो पाएगी। एएफडी पार्टी विश्व युद्ध 2 के बाद लगातार मज़बूत और उभरती हुई दिखी है।
एक्ज़िट पोल में एंजेला मर्केल को बढ़त मिली है। एक्ज़िट पोल के मुताबिक एंजेला मक्रेल की पार्टी कंजर्वेटिव क्रिच्शियन यूनियन (CDU/CSU) 33 फीसदी वोटों से आगे है।
इसके बाद सबसे करीब दूसरे नंबर पर प्रतिद्वंदी पार्टी सोशल डेमोक्रेट अपने उम्मीदवार मार्टिन स्कुल्ज़ 20-21 फीसदी वोटों के साथ है।
लेकिन इसके बाद तीसरे नंबर पर जर्मन प्रतिष्ठान पर एक धमाके के लिए इस्लाम विरोधी, अप्रवासी विरोधी, ऑल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (AfD) करीब 13 फीसदी मत प्रतिशत के साथ देश की तीसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनकर उभरी है।
एएफडी की इस जीत को जर्मन के राजनीतिकार एक ऐतिहासिक पल बता रहे हैं। देश का सबसे ज़्यादा बिकने वाला समाचार पत्र बिल्ड डेली ने इसे 'राजनीतिक भूंकप' करार दिया है।
एंजेला मर्केल लगातार 12 सालों तक सत्ता के केंद्र में काबिज रही हैं और ज़्यादातर चुनावों में डबल डिजिट जीत हासिल की है।
इन एक्ज़िट पोल के बाद बर्लिन में एएफडी पार्टी के मुख्यालय के बाहर समर्थकों ने इकट्ठा होकर खुशी ज़ाहिर की और इसके अलावा जर्मन का राष्ट्रगान गाकर तीसरी सबसे बड़ी पार्टी होने का जश्न मनाया।
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मार्केल ने अपनी जीत पर खुशी ज़ाहिर की लेकिन साथ ही स्वीकार किया कि वो पार्टी के 40 फीसदी वोट हासिल करने के लक्ष्य से पीछे रह गई। मर्केल ने कहा, 'हमारे लिए यहां बड़ी और नई चुनौती है और वो यह है कि बन्डस्टैग (संसद) में एएफडी का आगमन।'
उन्होंने कहा, 'हम एएफडी मतदाताओं को वापस जीतना चाहते हैं।'
63 वर्षीय जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल, विश्व में एक शक्तिशाली महिला और शासक के रुप में जानी जाती हैं। उनकी लोकप्रियता में 2015 के बाद से तेज़ी आई है, ख़ासकर मुस्लिम शरणार्थियों और युद्द ग्रस्त क्षेत्रों सीरिया, इराक और अफगानिस्तान से आए रिफ्यूजियों में।
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Source : News Nation Bureau