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Russia-Ukraine War: कम से कम 100 लेपर्ड 1 टैंक यूक्रेन को देगा जर्मनी

German government says Ukraine to get at least 100 Leopard 1 tanks : जर्मन सरकार ने कहा है कि वो आने वाले महीनों में यूक्रेन को कम से कम 100 लेपर्ड 1 टैंक देगा. उसके सबसे घातक टैंक का नाम लेपर्ड 2 है, जो पहले से ही वो यूक्रेन को दे रहा है. इसके लिए यूक्रेनी सैनिकों की ट्रेनिंग भी हो रही है.

Updated on: 07 Feb 2023, 11:52 PM

highlights

  • जर्मनी करेगा यूक्रेन को मजबूत
  • लेपर्ड टैंकों की सप्लाई बढ़ाएगा
  • रूस को मजबूत तरीके से जवाब देता रहेगा यूक्रेन

नई दिल्ली:

German government says Ukraine to get at least 100 Leopard 1 tanks : जर्मन सरकार ने कहा है कि वो आने वाले महीनों में यूक्रेन को कम से कम 100 लेपर्ड 1 टैंक देगा. उसके सबसे घातक टैंक का नाम लेपर्ड 2 है, जो पहले से ही वो यूक्रेन को दे रहा है. इसके लिए यूक्रेनी सैनिकों की ट्रेनिंग भी हो रही है. पोलैंड के रास्ते भी लेपर्ड टैंक और मशीनरी यूक्रेन पहुंच रही है. बता दें कि जर्मनी ने पहले भारी हथियारों से यूक्रेन की मदद करने से मना कर दिया था, लेकिन चौतरफा बढ़ते दबाव के बीच पहले तो वो लेपर्ड 2 टैंक की सीमित सप्लाई को राजी हुआ था, और अब दिल खोलकर वो लेपर्ड 1 टैंक भी यूक्रेन को देने जा रहा है. कम से कम 100 टैंक आने वाले महीनों में यूक्रेनी बलों को मिल जाएंगे.

अमेरिका, ब्रिटेन के बाद जर्मनी से सबसे बड़ी मदद

यूक्रेन को रूस के खिलाफ टिकने में सबसे बड़ा हाथ है विदेशी मदद के मिलने का. अब तक छोटे हथियारों और एंटी टैंक हथियारों से मदद कर रहे अमेरिका, जर्मनी और ब्रिटेन ने सीधे अपने सबसे लड़ाकू टैंकों को यूक्रेन की धरती पर उतार दिया है. अमेरिका अपने अब्राम्स टैंकों को यूक्रेन भेज रहा है. वो 31 ऐसे टैंक यूक्रेन को दे रहा है. इसके अलावा गोला-बारूद और ट्रेनिंग भी वो यूक्रेनी सैनिकों को दे रहा है. वहीं, जर्मनी के साथ पोलैंड ने लेपर्ड 2 टैंक भेजे हैं. अब जर्मन सरकार ने साफ कर दिया है कि लेपर्ड 1 टैंक भी यूक्रेन को देने जा रही है. 

रूस ने बढ़ाया दबाव

इस बीच, रूस ने घोषणा की है कि उसकी सेना दक्षिणी और पूर्वी हिस्से से यूक्रेन पर दबाव बढ़ा रही है. उसने कहा है कि नए शहरों पर कब्जे के लिए अब रूसी सेना कमर कस चुकी है, और जल्द ही यूक्रेन को घुटने टेकने पर मजबूर होना पड़ेगा. बता दें कि रूस ने कहा था कि यूक्रेन के रास्ते एक बार फिर से रूसियों को जर्मन टैंकों से डराया जा रहा है. लेकिन रूसी हमेशा की तरह अड़े रहेंगे और नव नाजियों को सबक सिखा कर रहेंगे.