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जर्मन चांसलर उम्मीदवार बोली: अगर मैं जीती तो पति बच्चों का रखेंगे ध्यान

जर्मनी की संघीय सरकार में पहली बार ग्रीन पार्टी मुख्य राजनीतिक शक्ति बनने का मौका पा सकती है.

Updated on: 17 May 2021, 09:31 AM

highlights

  • जर्मनी में ग्रीन पार्टी दे सकती है कंजर्वेटिव पार्टी को टक्कर
  • ग्रीन पार्टी के एनालेना बैरक दे रही है एंजेला मर्केल के चुनौती
  • ग्रीन पार्टी के पास लगभग 20 फीसदी वोट हैं

बर्लिन:

जर्मनी के आगामी संघीय चुनाव में ग्रीन पार्टी की चांसलर पद की उम्मीदवार एनालेना बैरबॉक ने कहा है कि अगर वह जीत जाती हैं तो उनके पति अपने बच्चों की देखभाल करेंगे. डीपीए समाचार एजेंसी ने 40 वर्षीय के रविवार को बिल्ड एम सोनटैग अखबार के हवाले से कहा, 'चांसलर के कार्यालय की जिम्मेदारी का मतलब है दिन-रात मौजूद रहना. मैं ऐसा कर पाऊंगी क्योंकि मेरे पति पूरी तरह से माता-पिता की जिम्मेदारी निभाने के लिए छुट्टी (चांसलर बनने पर) लेंगे.' ग्रीन पार्टी के नेता और उनके पति डेनियल होलफ्लेश की 5 और 9 साल की दो बेटियां हैं. बैरबॉक ने इस बात पर जोर दिया कि लड़कियों के पालन-पोषण और घर के काम के लिए उनके साथी पहले से ही जिम्मेदारी लिए हुए हैं.

'मेरे पति पूरी जिम्मेदारी लेते हैं और घर पर काम करते हैं. उन्होंने पिछले कुछ सालो में अपने काम के घंटे पहले ही कम कर दिए हैं क्योंकि मैं अकसर सुबह जल्दी घर से निकल जाती हूं और रात को घर आ जाती हूं.' उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में, उनके पति की योजना पूरी तरह से घर पर रहने की है. 'जब हमारी छोटी बेटी ने स्कूल जाना शुरू किया तो वह एक पिता के रूप में वहां मौजूद थे.' बैरबॉक के अनुसार, उनके पति को चांसलर के लिए चुनाव लड़ने के अपने निर्णय को वीटो करने का अधिकार था, क्योंकि यह सब हमारे पूरे पारिवारिक जीवन को बदल देगा.

उनके पति होलफ्लेश वर्तमान में जर्मनी की मेल सेवा, ड्यूश पोस्ट के लिए एक पैरवीकार के रूप में काम करते हैं. बैरबॉक ने कहा कि क्या उन्हें सितंबर के अंत में संघीय चुनाव के बाद चांसलर बनना चाहिए या संघीय कैबिनेट में सीट मिलनी चाहिए, उनकी नौकरी बदलने की संभावना है. 'अगर मैं एक सरकारी पद स्वीकार करती हूं, तो यह बहुत स्पष्ट है कि मेरे पति वहां अपना काम जारी नहीं रखेंगे.'

गौरतलब है कि जर्मनी की संघीय सरकार में पहली बार ग्रीन पार्टी मुख्य राजनीतिक शक्ति बनने का मौका पा सकती है. साल 1998 में महज 6.7 फीसद वोट पाने के बाद साल 1998 से 2005 के बीच यह पार्टी मध्य-वामपंथी सोशल डेमोक्रेट्स के साथ सरकार में शामिल हुई थी. गठबंधन में शामिल होना निश्चित तौर पर उनकी बड़ी ग़लती थी, जैसा कि कुछ लोग पहले से ही संभावा भी जता रहे थे. अब 23 साल बाद, चीजें काफी बदल गई हैं. पार्टी करीब 20 फीसद मतों के साथ काफी अच्छी स्थिति में है, जर्मनी की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है और उससे आगे सिर्फ एंजेला मर्केल की कंजर्वेटिव पार्टी ही है जहां काफी उथल-पुथल मची हुई है.