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G20: विश्व को अधिक लचीलापन, अधिक समावेशी और उदार विकास की जरूरत- चीन

17वां जी-20 शिखर सम्मेलन 16 नवंबर को इंडोनेशिया के बाली द्वीप में संपन्न हुआ. शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भाषण दिया और मुख्य शब्द के रूप में विकास के साथ यह प्रस्ताव किया कि जी-20 के सदस्यों को अधिक समावेश, अधिक आम उदारता और अधिक लचीलेपन वाले वैश्विक विकास को आगे बढ़ाना चाहिए. उनके भाषण पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में व्यापक प्रतिध्वनि हासिल हुई.

Updated on: 17 Nov 2022, 07:48 PM

बीजिंग:

17वां जी-20 शिखर सम्मेलन 16 नवंबर को इंडोनेशिया के बाली द्वीप में संपन्न हुआ. शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भाषण दिया और मुख्य शब्द के रूप में विकास के साथ यह प्रस्ताव किया कि जी-20 के सदस्यों को अधिक समावेश, अधिक आम उदारता और अधिक लचीलेपन वाले वैश्विक विकास को आगे बढ़ाना चाहिए. उनके भाषण पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में व्यापक प्रतिध्वनि हासिल हुई.

साल 2013 से शी चिनफिंग ने लगातार जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया या उसकी अध्यक्षता की. उन्होंने जी-20 सहयोग को बढ़ावा देने और अंतर्राष्ट्रीय मैक्रो नीति समन्वय को मजबूत करने पर चीन का प्रस्ताव पेश किया. इस बार बाली द्वीप शिखर सम्मेलन में उन्होंने अपने भाषण में बल देते हुए कहा कि जी-20 के सदस्य दुनिया और क्षेत्र में सभी बड़े देश हैं. उन्हें बड़े देश की जिम्मेदारी उठाते हुए अनुकरणीय भूमिका निभानी चाहिए और सभी देशों के विकास, मानव जाति के कल्याण और दुनिया की प्रगति के लिए मार्ग तलाशना चाहिए.

मौजूदा जी-20 बाली द्वीप शिखर सम्मेलन की थीम समान रूप से बहाली, मजबूती से बहाली है, जो लोगों की आम अपेक्षाओं को दशार्ती है. राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने लोगों की आम आकांक्षाओं की बात की है.

विकास सभी समस्याओं को हल करने की कुंजी है और बहाली के लिए मुख्य प्रेरणा शक्ति है. वर्तमान परिस्थिति में हमें कैसा विकास चाहिए? शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अधिक समावेश, अधिक आम उदारता और अधिक लचीलेपन वाले वैश्विक विकास का विचार प्रस्तुत किया. अंतरराष्ट्रीय लोकमत आमतौर पर मानता है कि राष्ट्रपति शी द्वारा प्रस्तुत तीन प्रस्ताव बहुत सामयिक और महत्वपूर्ण हैं, जो वैश्विक सतत विकास में शक्ति डालते हैं. जिन्होंने दुनिया में क्या हो रहा है, हम क्या करें ? वाले युगात्मक सवाल के समाधान के लिए चीन की बुद्धि का योगदान दिया.

राष्ट्रपति शी ने अधिक समावेशी वैश्विक विकास को बढ़ावा देने की वकालत की, जिसका अर्थ है कि सभी देशों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए, मतभेदों को दूर करते हुए समानताओं की तलाश करनी चाहिए, शांति से सह-अस्तित्व रखना चाहिए, खुली विश्व अर्थव्यवस्था के निर्माण को बढ़ावा देना चाहिए, न कि दूसरों को बहिष्कार और अलग करना चाहिए. ब्राजील के वर्गास कोष के प्रोफेसर एवांड्रो मेनेजेस डे कार्वाल्हो के विचार में चीन अधिक वैश्विक और समावेशी ²ष्टिकोण से समस्याओं को हल करने पर ध्यान केंद्रित करता है, और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा उस पर भरोसा किया जाता है.

सभी देशों का समान विकास ही वास्तविक विकास है हर देश अच्छा जीवन जीना चाहता है, आधुनिकीकरण किसी देश का विशेषाधिकार नहीं है, शी चिनफिंग ने अधिक आम उदारता वाले वैश्विक विकास को बढ़ावा देने की वकालत की, इसका अर्थ है कि अग्रणी देशों को समान विकास प्राप्त करने के लिए अन्य देशों की ईमानदारी से मदद करनी चाहिए. सितंबर 2021 में, शी चिनफिंग ने वैश्विक विकास पहल प्रस्तुत की, इसके बाद एक साल से अधिक समय में चीन ने 100 से अधिक देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ इस पहल के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाया और संयुक्त राष्ट्र 2030 सतत विकास एजेंडा की प्राप्ति के लिए नई प्रेरक शक्ति डाली. 16 नवंबर को चीन और इंडोनेशिया के संयुक्त सहयोग से निर्मित जकार्ता-बांडुंग हाई-स्पीड रेलवे का परीक्षण संचालन पूरी तरह सफल रहा, जो जल्द ही अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी का हिस्सा बनने जा रहा है. यह चीन के वैश्विक समान विकास को बढ़ावा देने का एक और प्रमाण है.

15 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र ने घोषणा की कि दुनिया की आबादी 8 अरब पहुंच गई है, जो मानव विकास के लिए एक मील का पत्थर है. वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण क्षण पर हमें विकास पर पहले से कहीं अधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, बाली द्वीप शिखर सम्मेलन से चीन की आवाज एक बार फिर आम सहमति बनाएगी और वैश्विक विकास का नेतृत्व करेगी. लगातार आधुनिकीकरण की ओर बढ़ रहा चीन निश्चित रूप से दुनिया के लिए अधिक अवसर प्रदान करेगा और समान रूप से बहाली, मजबूती से बहाली को जोर से बढ़ावा देगा.