पीएम मोदी का पाकिस्तान पर निशाना, कहा- आतंकवाद समर्थक देशों को जी-20 से दूर रखें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 से कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को इस आर्थिक मंच (जी-20) की सदस्यता लेने से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
highlights
- पीएम मोदी ने कहा, आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को जी-20 से दूर रखा जाए
- जी-20 सम्मेलन में पीएम मोदी ने आतंकवाद से मुकाबले के लिए कई बिंदुओं वाला एक एजेंडा पेश किया
- PM बोले, आतंकवाद का समर्थन करने वालों के खिलाफ प्रत्यर्पण जैसी कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाना चाहिए
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान में पनाह लिये आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क का जी-20 सम्मेलन में जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवाद समर्थक देशों को इस आर्थिक मंच में शामिल नहीं किया जाना चाहिये।
पीएम मोदी ने कहा, 'मिडल-ईस्ट में ISIS, अलकायदा, दक्षिण एशिया में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क और नाइजीरिया में बोको हरम आज के आतंकवाद के कुछ नाम हैं, लेकिन इनकी मूलभूत विचारधारा सिर्फ नफरत और नरसंहार है।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 से कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को इस आर्थिक मंच (जी-20) की सदस्यता लेने से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। मोदी का इशारा पड़ोसी देश पाकिस्तान की तरफ था, जिसे जी-20 की किसी भी बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है।
जी-20 के 12वें शिखर सम्मेलन से पहले शनिवार को मोदी ने आतंकवाद पर आयोजित सत्र में मुख्य वक्ता के रूप में जी-20 में शामिल देशों के नेताओं से कहा, 'आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के खिलाफ निषेधात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए।'
भारत ने पेश किया आतंकवाद के खिलाफ एजेंडा
पीएम मोदी ने आतंकवाद से मुकाबले के लिए कई बिंदुओं वाला एक एजेंडा पेश किया। उन्होंने कहा, 'ऐसे देशों के जी-20 में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।'
PM @narendramodi :
— Gopal Baglay (@MEAIndia) July 7, 2017
Very important to understand terrorism before action pic.twitter.com/8SP1PXqWcJ
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प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-20 राष्ट्रों को नामित आतंकियों की राष्ट्रीय सूची का आदान-प्रदान करना चाहिए और ऐसे लोगों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद का समर्थन करने वालों के खिलाफ प्रत्यर्पण जैसी कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाना चाहिए।
मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ समग्र संधि (सीसीआईटी) को तुरंत स्वीकार किए जाने का आह्वान किया। भारत ने इस संधि की रूपरेखा विश्व के सामने रखी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-20 द्वारा चरमपंथ के खिलाफ कार्यक्रमों पर व्यापक रूप से जोर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वित्तीय कार्यबल और इस जैसे अन्य साधनों के जरिए आतंकियों को मिलने वाले वित्तपोषण पर लगाम लगाई जानी चाहिए। साथ ही आतंकी गतिविधियों को कुचलने के लिए जी-20 देशों के बीच साइबर सुरक्षा के मामले में ठोस सहयोग होना चाहिए।
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मोदी ने कहा कि जी-20 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के आतंकवाद-रोधी तंत्र का गठन किया जाना चाहिए।
जर्मनी के हैम्बर्ग में हो रही जी-20 शिखर सम्मेलन की इस साल की अध्यक्षता जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल कर रही हैं। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी भाग ले रहे हैं।
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(इनपुट IANS से भी)
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