भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की और स्थिर व अनुमानित ऊर्जा कीमत होने की महत्ता पर जोर दिया. दोनों नेता निवेश, प्रौद्योगिकी, विनिर्माण, रक्षा के क्षेत्र में ठोस कार्य करने की संभावनाओं के लिए एक व्यवस्था गठित करने पर सहमत हुए. इसके साथ ही क्राउन प्रिंस ने कहा कि सऊदी अरब भारत के राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा कोष में शुरुआती निवेश को अंतिम रूप देगा.
दोनों नेताओं के बीच गुरुवार को हुई वार्ता में इस बात की ओर भी ध्यान दिया गया कि सऊदी अरब अगले दो या तीन वर्षो में कई क्षेत्रों में कैसे अपना निवेश बढ़ाए. मोदी गुरुवार को यहां जी-20 सम्मेलन में भाग लेने आए थे. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंतानियो गुटेरेस से भी मुलाकात की. पत्रकारों से बात करते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि मोदी की पहली द्विपक्षीय बैठक सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस से हुई और यह काफी सौहार्दपूण और गर्मजोशी भरे माहौल में हुई.
और पढ़ें: करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान ने बताई असली मंशा, कहा- गुगली में फंसा भारत
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री ने इस दौरान स्थिर और अनुमानित ऊर्जा कीमत होने के महत्व पर जोर दिया. दोनों नेताओं के बीच कुछ चर्चा इस दिशा में भी हुई कि कैसे सऊदी अरब ऊर्जा कीमतों, खासकर भारत में ऊर्जा कीमतों को स्थिर करने में योगदान और मदद कर सकता है.' उन्होंने कहा कि क्राउन प्रिंस ने भारत को एक महत्वपूर्ण साथी करार दिया और दोनों नेताओं के बीच इस बात पर भी खास चर्चा हुई कि कैसे दोनों देश विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को बढ़ा सकते हैं.
गोखले ने कहा, 'क्राउन प्रिंस ने कहा कि सऊदी अरब राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा कोष में शुरुआती निवेश को अंतिम रूप देगा. उन्होंने प्रोद्यौगिकी क्षेत्र, ऊर्जा क्षेत्र और कृषि क्षेत्र में निवेश के भविष्य संभावनाओं का भी संदर्भ दिया.'
उन्होंने कहा कि क्राउन प्रिंस ने भारतीयों द्वारा वर्षो से सऊदी अरब के निर्माण में योगदान को भी याद किया. गोखले ने कहा कि गुटेरेस के साथ मोदी की बैठक का मुख्य विषय पोलेंड (सीओपी24) में होने वाला आगामी जलवायु परिवर्तन बैठक रहा. उन्होंने कहा कि गुटेरेस ने जलवायु परिवर्तन वार्ताओं में भारत की भूमिका और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का समाधान करने की दिशा में भारत द्वारा उठाए गए ठोस कदम को सराहा.
Source : IANS