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फ्रांस की एनी अर्नाक्स को मिला साहित्य का नोबेल पुरस्कार

फ्रांसीसी लेखिका एनी अर्नाक्स को वर्ष 2022 के साहित्य के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है. नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने वाली संस्था स्वीडिश अकादमी ने गुरुवार को इसकी घोषणा की.

Updated on: 06 Oct 2022, 06:44 PM

नई दिल्ली:

फ्रांसीसी लेखिका एनी अर्नाक्स (Anne Arnaux ) को वर्ष 2022 के साहित्य के नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize in Literature 2022) से नवाजा गया है. नोबेल पुरस्कार से सम्मानित करने वाली संस्था स्वीडिश अकादमी ने गुरुवार को इसकी घोषणा की. साहित्या के नोबेल की घोषणा करते हुए नोबेल समिति ने कहा कि व्यक्तिगत स्मृति की जड़ों, व्यवस्थाओं और सामूहिक प्रतिबंधों को उजागर करने वाली 82 वर्षीय अर्नाक्स को उनके साहस और नैदानिक तीक्ष्णता के लिए उनका चयन किया गया है. पुरस्कार मिलने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में अर्नाक्स ने कहा कि पुरस्कार प्राप्त करना एक "महान सम्मान" की बात है, लेकिन इसके साथ ही "एक बड़ी जिम्मेदारी" भी कंधे पर आ गई है. 

साहित्य के लिए नोबेल समिति के अध्यक्ष एंडर्स ओल्सन ने कहा कि अर्नाक्स का काम अक्सर "असंगत और सादा भाषा में लिखा जाता है, जो काफी साफ-सुथरा होता है. स्वीडन के स्टॉकहोम में साहित्य के नोबेल की घोषणा के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने कुछ सराहनीय और स्थाई हासिल किया है. 

गौरतलब है कि अर्नाक्स ने पहले आत्मकथात्मक उपन्यास लिखना शुरू किया, लेकिन इसके बाद वह संस्मरण लिखने लगी. जिसकी वजह से उन्होंने कथा साहित्य को जल्द ही छोड़ दिया. उनकी 20 से अधिक पुस्तकें हैं. इनमें से अधिकांश बहुत छोटी है, जो उनके जीवन की घटनाओं और उनके आसपास के लोगों के जीवन की घटनाओं पर आधारित है. वे बलात्कार, गर्भपात, बीमारी और अपने माता-पिता की मृत्यु से जुड़ी तस्वीर पेश की हैं. अर्नाक्स ने अपनी शैली को "फ्लैट राइटिंग" (इक्रिचर प्लेट) के रूप में वर्णित किया है.

अपने पिता के साथ अपने संबंधों के बारे में अपना नाम "ला प्लेस" (ए मैन्स प्लेस) पुस्तक में वह लिखती हैं कि कोई मधुर यादें नहीं, विडंबना का कोई विजयी प्रदर्शन नहीं. यह तटस्थ लेखन शैली मुझे स्वाभाविक रूप से आती है. समीक्षकों द्वारा उनकी सबसे प्रशंसित पुस्तक "द इयर्स" (लेस एनीज़) थी, जो 2008 में प्रकाशित हुई थी और द्वितीय विश्व युद्ध के अंत से लेकर आज तक खुद को और व्यापक फ्रांसीसी समाज का वर्णन करती है. पिछली किताबों के विपरीत, "द इयर्स" में, अर्नाक्स तीसरे व्यक्ति के रूप में अपने बारे में लिखती है, उसके चरित्र को "मैं" के बजाय "वह" कहती है. पुस्तक को कई पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं. 

नोबेल समिति ने टैगोर को किया याद
नोबेल समिति ने गुरुवार को घोषणा से पहले एक ट्वीट में भारत के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता बंगाली कवि रवींद्रनाथ टैगोर को याद किया. गौरतलब है कि नोबेल पुरस्कार के रूप में एक प्रशस्ति पत्र, मेडल और 10 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (लगभग $900,000) का नकद पुरस्कार होता है और 10 दिसंबर को दिया जाएगा. यह पैसा पुरस्कार के निर्माता, स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल द्वारा 1895 में छोड़ी गई वसीयत से आता है.