अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी एफबीआई के पूर्व निदेशक जेम्स कोमे ने अमेरिकी सीनेट की इंटेलिजेंस कमेटी के सामने राष्ट्रपति ट्रंप के बारे में कई महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं। एफबीआई निदेशक जेम्स कोमे ने ट्रंप पर आरोप लगाया है कि उन्होंने कोमे को पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन के रूस के साथ संबंध की जांच बंद करने को कहा था, हालांकि ये अधिकारिक तौर पर नहीं था।
कोमे ने कहा, 'राष्ट्रपति ने कहा था कि फ्लिन ने रूसियों से बात करके कुछ भी गलत नहीं किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि उन्हें फ्लिन को लेकर कुछ दूसरी चिंताएं हैं। इन चिंताओं के बारे में उन्होंने कुछ जाहिर नहीं किया।'
इसके साथ ही कोमे ने ये भी माना कि यूएस चुनाव में रुस ने हस्तक्षेप किया था। हालांकि अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बात को खारिज कर दिया है कि राष्ट्रपति ट्रंप रूस के साथ संबंध मामले में एफबीआई की जांच को लेकर दबाव बनाते हैं।
कोमे ने कहा, 'ट्रंप प्रशासन का ये बयान ग़लत है कि एफबीआई अव्यवस्थित थी और बुरे नेतृत्व में काम कर रही थी। बता दें कि ट्रंप ने एक पत्र लिखकर कोमी से कहा था कि वह सही तरीके से एफ़बीआई की अगुवाई नहीं कर रहे थे।
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सुनवाई के दौरान कोमे ने समिति से कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के पास उन्हें बर्खास्त करने का अधिकार था लेकिन वो बर्खास्तगी के कारणों को नहीं ढूंढ़ पा रहे थे।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने जेम्स कोमे को 6 साल का कार्यकाल बाकी रहते हुए ही पद से हटा दिया था। कोमी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के चुनाव प्रचार के रूस के साथ कथित संबंध की जांच की अगुवाई कर रहे थे।
पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव से पहले डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलरी क्लिंटन के विदेश मंत्री रहते हुए निजी सर्वर से ईमेल भेजने के मामले में नए ईमेल्स मिलने की जानकारी देकर जेम्स कोमे ने दोबारा जांच शुरू की थी। राष्ट्रपति चुनाव में क्लिंटन के ईमेल का मामला काफ़ी सूर्खियों में रहा था और ट्रंप उन पर लगातार आरोप लगाते रहे थे।
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Source : News Nation Bureau