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इराक में अमेरिकी दूतावास के पास बड़ा हमला, दागे गए पांच रॉकेट

इराक की राजधानी बगदादा के हाई-सिक्योरिटी ग्रीन जोन में अमेरिकी दूतावास के पास एक बार फिर बड़ा हमला किया गया है.

Updated on: 26 Jan 2020, 11:45 PM

नई दिल्‍ली:

इराक की राजधानी बगदाद में रविवार को अमेरिकी दूतावास के पास रॉकेट दागे गए. दो सुरक्षा सूत्रों ने एएफपी को यह जानकारी दी. देश में अमेरिकी प्रतिष्ठानों पर इस ताजा हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है. एएफपी के संवाददाताओं ने दजला नदी के पश्चिमी किनारे धमाके की आवाज को सुना. इसी क्षेत्र में अधिकांश विदेशी दूतावास स्थित हैं. एक सुरक्षा सूत्र ने कहा कि तीन रॉकेट उच्च सुरक्षा परिसर में आकर गिरे, जबकि एक अन्य ने बताया कि इस इलाके में पांच रॉकेट दागे गए. घटना में हताहत की कोई सूचना नहीं मिली है.

इराक की राजधानी बगदादा के हाई-सिक्योरिटी ग्रीन जोन में अमेरिकी दूतावास के पास एक बार फिर बड़ा हमला किया गया है. बताया जा रहा है कि वहां पांच रॉकेट दागकर हमले को अंजाम दिया गया है. हालांकि, अभी तक इस हमले में किसी के हताहतों होने की कोई जानकारी नहीं है. स्‍थानीय मीडिया के मुताबिक, रॉकेट दागे जाने के तुरंत बाद पूरे क्षेत्र में रॉकेट से हमले का अलार्म बजने लगा. इससे पहले 21 जनवरी को भी अमेरिकी दूतावास के पास तीन रॉकेट दागे गए थे.

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बता दें कि ईरानी कमांडर मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्‍या के बाद से ईरान की ओर से अमेरिका के खिलाफ हमलावर रुख अख्‍तियार किया गया है. ईरान यूएस से बदला लेने के फिराक में है. इसी महीने अमेरिकी दूतावास पर 4 जनवरी को हमला किया गया था. इसके बाद 6 जनवरी को भी अमेरिकी ठिकानों पर रॉकेट दागे गए थे. 8 जनवरी को अल असद और इरबिल के दो सैन्य ठिकानों पर दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गई थीं. 13 जनवरी को एयरबेस पर हमला किया गया. 15 जनवरी को भी इराकी एयरबेस पर रॉकेट से हमला बोला गया था.

बता दें कि अमेरिका (America) और ईरान (Iran) के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है. ईरान के कानूनविद हमजेई ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को मारने वाले को तीन मिलियन डॉलर का अवार्ड देने का ऐलान किया है. इससे पहले ईरानी सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने तेहरान में प्रार्थनाओं का नेतृत्व करते हुए कहा था कि जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या ने अमेरिका के आतंकवादी स्वभाव का खुलासा किया है. इस खबर को स्पूतनिक वेबसाइट पर प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है.

अमेरिका ने जब से कासिम सुलेमानी को मौत के घाट उतारा है उसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव बरकरार है. कासिम सुलेमानी की मौत के बाद ईरान ने इराक में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डों पर हमला किया था, उसके बाद ईरान को इस बात का डर था कि अमेरिका बदला लेने के लिए फिर से उन पर हमला कर सकता है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए उनके सैनिक तैयार थे.

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यूक्रेन का यात्री विमान जब ईरान के सैन्य अड्डों के पास से गुजरा तो उन्होंने उसे निशाना बनाया. इसमें 176 यात्री मारे गए. इसकी पूरी दुनिया में आलोचना हुई. ईरान के नेताओं ने कहा कि अमेरिका ही इन हत्याओं के लिए भी जिम्मेदार है. ईरान की आईएसआई एजेंसी के मुताबिक, जो भी डोनाल्ड ट्रम्प को मारेगा उसको तीन मिलियन डॉलर का पुरस्कार दिया जाएगा.

बता दें कि पिछले दिनों डोनाल्‍ड ट्रंप ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खुमैनी को सोच-समझकर बोलने की हिदायत दी थी. ट्रंप ने ट्वीट में कहा था कि ईरान के तथाकथित सुप्रीम लीडर ने यूरोप और अमेरिका के बारे में बहुत ओछी बातें की हैं. उनकी अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो रही है और उनके लोग पीड़ित हैं. ऐसे में उन्हें अपने शब्दों को लेकर बहुत सावधान रहना चाहिए. ट्रंप के मुताबिक, खुमैनी ने अपने भड़काऊ बयान में अमेरिका को शातिर और यूरोपीय देशों ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी को अमेरिका का नौकर बताया था.