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हमले के बाद परमाणु रिएक्टरों को ऑफलाइन किया गया

हमले के बाद परमाणु रिएक्टरों को ऑफलाइन किया गया

Updated on: 04 Mar 2022, 10:35 PM

नई दिल्ली:

यूक्रेन में जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र की घटनाओं को देख रहे परमाणु विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक और चेरनोबिल जैसा घटनाक्रम तो नहीं है, मगर यह एक बहुत ही जोखिम भरी स्थिति है।

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, शेफील्ड विश्वविद्यालय में परमाणु सामग्री विशेषज्ञ प्रोफेसर क्लेयर कॉर्खिल ने कहा, आज सुबह पहली बार, मैं भयभीत हुई।

ऐसा प्रतीत होता है कि संयंत्र में छह रिएक्टरों में से केवल एक ही काम कर रहा है।

कॉर्खिल का कहना है कि रिएक्टरों को ऑफलाइन किया जा रहा है, जिसका अर्थ है वे परमाणु प्रतिक्रिया को बंद कर रहे हैं और उन्हें एक सुरक्षित और स्थिर स्थिति में डाला जा रहा है।

बीबीसी के अनुसार, वह कहती हैं कि यह रूस की मंशा हो सकती है।

उन्होंने कहा, यदि आप उनकी बिजली आपूर्ति को लक्षित करना चाहते हैं, तो आप बिजली संयंत्र के करीब एक इमारत पर हमला करते हैं और ऑपरेटरों को इसे बंद करने के लिए मजबूर करते हैं।

कॉर्खिल कहती हैं कि एक सबसे खराब स्थिति यह होगी कि संयंत्र की बिजली आपूर्ति क्षतिग्रस्त हो जाए, क्योंकि हम 2011 में फुकुशिमा में जो हुआ था, उसी तरह के परि²श्य को देख सकते हैं, जहां बिजली की हानि के कारण कूलिंग का नुकसान हुआ था, जो इसके तीन परमाणु रिएक्टरों के मेल्टडाउन का कारण बना।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की का कहना है कि जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर रूसी हमले से छह चेरनोबिल के बराबर विनाश हो सकता था।

दरअसल यूक्रेन राष्ट्रपति ने एक संभावित भयंकर आपदा को लेकर चेताया था और यूरोप और पश्चिम में अपने सहयोगियों के तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए, कहा था कि यूरोप को जागना चाहिए। अगर कोई परमाणु विस्फोट होता है, तो यह सब कुछ खत्म हो जाएगा है। परमाणु ऊर्जा संयंत्र में तबाही यूरोप को मिटा देगा। उन्होंने यूरोप के विनाश को रोकने की अपील की थी।

उन्होंने एक टेलीविजन संबोधन में कहा था, यूक्रेन के लोग! हम उस रात बच गए, जो कोर्स ऑफ हिस्ट्री को रोक सकती थी - यूक्रेन का इतिहास, यूरोप का इतिहास।

अपने संबोधन में जेलेंस्की ने कहा कि रूस विश्व इतिहास का पहला ऐसा देश है जिसने परमाणु ऊर्जा संयंत्र में आग लगा दी।

उन्होंने रूस को आतंक का प्रतीक करार देते हुए कहा कि रूस जानता था कि वह क्या कर रहा है, जब उसने सीधे स्टेशन पर गोले दागे।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.