पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ के ख़िलाफ़ फतवा जारी किया गया है। उन पर ईशनिंदा का आरोप लगाकर कुफ्र का फतवा जारी किया गया है। दरअसल पीएम नवाज शरीफ ने कराची में हिंदू समुदाय के साथ होली सामारोह के दौरान कहा था कि मैं पाकिस्तान का प्रधानमंत्री हूं और बतौर पीएम सभी धर्म के लोगों की सेवा करना मेरा फर्ज है।
उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान इसलिए नहीं बना है कि एक मजहब दूसरे धर्मों पर हावी हो जाए। धर्म किसी से जबरदस्ती करने की इजाजत नहीं देता और इस्लाम में जबरन धर्मांतरण करना भी अपराध है।
पाकिस्तानी अख़बार 'डेली पाकिस्तान ग्लोबल' में छपी ख़बर के मुताबिक शरीफ के इस बयान से इस्लामी कट्टरपंथी बेहद नाराज़ हैं। अल्लामा अशरफ जलाली ने शरीफ के बयान पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा है कि उन्होंने पाकिस्तान की स्थापना के 'बुनियादी सिद्धांतों' का अपमान किया है। जलाली पाकिस्तान अहले सुन्नाह वा-जानाह के नेता और सुन्नी एत्तेहाद काउंसिल के सचिव हैं।
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जलाली ने पीएम से इस बयान को लेकर सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने को कहा है। जलाली ने आरोप लगाया कि नवाज ने पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनते समय जो शपथ ली थी, उस प्रतिज्ञा का भी उन्होंने उल्लंघन किया है।
बता दें कि हाल ही में पीएम नवाज शरीफ होली सम्मेलन में पहुंचे थे। पीएम का वो वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुआ था। इसमें वह हिंदुओं के बीच एक युवती नरोदा मालिनी से गायत्री मंत्र का पाठ सुन रहे हैं। मालिनी ने उन्हें गायत्री मंत्र को गाकर सुनाया और मंत्र का पाठ खत्म होते ही पाक पीएम तालियां भी बजाई थी।
नवाज शरीफ पहले राजनेता नहीं हैं, जिनके खिलाफ कुफ्र का फतवा जारी किया है। इससे पहले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के चेयरमैन इमरान खान के खिलाफ भी ईशनिंदा के आरोप में फतवा जारी किया जा चुका है। हालांकि बाद में इमरान खान ने माफी मांग ली थी। ईशनिंदा के मुद्दे पर पाकिस्तान में हमेशा से विवाद रहा है।
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Source : News Nation Bureau