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गरीबी और भुखमरी का सामना कर रहे अफगानी किडनी बेचने को मजबूर

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इंजिल जिले के निवासियों ने भीषण गरीबी के बीच जीवित रहने के लिए थोड़े पैसे के लिए अपनी किडनी काला बाजार में बेच दी है.

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Nihar Saxena
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Afghan

तालिबान राज में और दुर्दशा के शिकार हो गए आम अफगानी.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान में लंबे समय से चल रहे मानवीय संकट और उसके बाद आर्थिक पतन के बीच भुखमरी का सामना कर रहे हेरात प्रांत में कुछ लोगों को अपने परिवार का पेट भरने के लिए अपनी किडनी बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है. टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इंजिल जिले के निवासियों ने भीषण गरीबी के बीच जीवित रहने के लिए थोड़े पैसे के लिए अपनी किडनी काला बाजार में बेच दी है.

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निवासियों में से एक ने कहा कि हमारे बच्चों के खाने के लिए हम अपनी किडनी बेचते हैं. किडनी बेचने वालों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं. देश के कानून के मुताबिक शरीर के अंगों को बेचना गैरकानूनी है, लेकिन इन परिवारों का कहना है कि उनके पास जिंदा रहने के लिए और कोई विकल्प नहीं है. एक अन्य निवासी ने टोलो न्यूज को बताया कि हम खुश हैं, सुरक्षा की स्थिति अच्छी है, लेकिन देश में कीमतें थोड़ी अधिक हैं.

हेरात के कुछ हिस्सों में गरीबी के कारण किडनी की बिक्री पिछले साल भी सुर्खियों में रही थी. लेकिन अब एक भयावह मानवीय संकट के रूप में अफगानिस्तान में, दुनिया के नेता और अधिकारी इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं. अफगानिस्तान में बेरोजगारी, गरीबी और भूखमरी खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने भी अफगानिस्तान की मानवीय मदद करने को कहा है, तो तालिबान से भी कहा है कि शेष विश्व से संपर्क कर अपने प्रति विश्वास पैदा करे.

HIGHLIGHTS

  • हेरात प्रांत के कुछ लोगों ने बेची अपनी किडनियां
  • मानवीय संकट और आर्थिक पतन ने की बड़ी दुर्दशा
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