वाशिंगटन:
फेसबुक के संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अमेरिकी सीनेट की कमेटी के सामने कहा कि उनकी व्यक्तिगत सूचना भी कैंब्रिज एनालिटिका के द्वारा लीक की गई है।
अमेरिकी सीनेट के सामने लगातार दूसरे दिन भी मार्क जुकरबर्ग ने डेटा लीक मामले और फेसबुक यूजर्स की निजता के मसले पर अपना बयान दिया।
जुकरबर्ग ने कहा कि कैंब्रिज एनालिटिका ने जिन 8 करोड़ 70 लाख लोगों के फेसबुक डेटा का इस्तेमाल किया उनमें उनका निजी डेटा भी शामिल था।
जुकरबर्ग ने कांग्रेस में सीनेट के प्रश्नों का जवाब देते हुए कंपनी की प्राइवेसी पॉलिसी का बचाव किया और कहा है कि उपभोक्ताओं के पास अधिकार है कि वे क्या फेसबुक पर शेयर करें या नहीं करें।
फेसबुक के सीईओ ने कहा कि फेसबुक और निगरानी रखने के बीच बहुत बड़ा अंतर है। उपभोक्ता अपनी इच्छानुसार फेसबुक छोड़ सकते हैं। वे जब चाहें, फेसबुक डेटा को डिलीट कर सकते हैं।
इससे पहले जुकरबर्ग ने सीनेट के सामने माना था कि फेसबुक के जरिए चुनावों के दौरान गड़बड़िया हुई हैं। इस दौरान उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि भारत में आगामी चुनावों के दौरान पूरी ईमानदारी बरती जाएगी।
अमेरिकी कांग्रेस में जुकरबर्ग ने कहा था, 'यह मेरी गलती है, मुझे माफ कर दीजिए। मैंने फेसबुक शुरू किया था। मैं इसे चलाता हूं और जो भी हुआ उसके लिए मैं पूरी जिम्मेदारी लेता हूं।'
जुकरबर्ग ने कहा, 'फेसबुक एक आदर्शवादी और आशावादी कंपनी है। अपनी उपलब्धता ज्यादा से ज्यादा करने के लिए और लोगों को जोड़ने के लिए हमारा ध्यान हर अच्छी बात पर है।'
उन्होंने कहा, 'लेकिन अब यह स्पष्ट हो गया है कि इन उपकरणों का दुरुपयोग रोकने के लिए हमने पर्याप्त कोशिश नहीं की।'
44 सीनेटरों के मंडल के समक्ष उन्होंने गवाही दी, 'इस समय मुझे सबसे ज्यादा इस बात की परवाह है कि दुनिया भर में 2018 में होने वाले चुनाव में कोई हस्तक्षेप न हो।'
कहां से शुरू हुआ विवाद:
अमेरिका में पिछले राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रंप की मदद करने वाली एक कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका पर 5 करोड़ फेसबुक उपभोक्ताओं की निजी जानकारी चुराने का आरोप लगा।
बताया गया है कि फेसबुक यूजर्स की इन जानकारी का उपयोग करके वोटर्स को प्रभावित किया गया और चुनाव में ट्रंप के पक्ष में वोटिंग करवाया गया।
कैंब्रिज एनालिटिका लंदन में स्थित एक निजी कंपनी है, जो डाटा एनालिसिस का काम करती है। इसके सहारे कंपनी चुनावी रणनीति तैयार करने में राजनीतिक पार्टियों की मदद करती है।
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