फेसबुक डेटा लीक: CEO मार्क जुकरबर्ग ने मानी गलती, दिया सुरक्षा का भरोसा

राजनीतिक उद्देश्यों के लिए फेसबुक यूजर्स के कथित डेटा लीक मामले को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है।

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ruchika sharma
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फेसबुक डेटा लीक: CEO मार्क जुकरबर्ग ने मानी गलती, दिया सुरक्षा का भरोसा

फेसबुक सीईओ मार्क जुकरबर्ग (फाइल)

राजनीतिक उद्देश्यों के लिए फेसबुक यूजर्स के कथित डेटा लीक मामले में फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए सफाई दी है। उन्होंने कहा कि यूजर्स के डेटा की सुरक्षा की जिम्मेदारी उनकी है। अगर वह डेटा सुरक्षित नहीं रख पाते हैं तो वह सेवाएं देने के लायक नहीं है। 

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उन्होंने पोस्ट में लिखा, 'मैं कैंब्रिज एनालिटिका की स्थिति में एक अपडेट साझा करना चाहता हूं - इस महत्वपूर्ण मुद्दे को हल करने के लिए हमने मह्त्वपूर्ण कदम उठाये है। हमारे पास आपके डेटा की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी है, और अगर हम ऐसा नहीं कर सकते हैं तो हम आपकी सेवा के लायक नहीं हैं।'

जुकरबर्ग ने कहा, 'अच्छी खबर यह है कि इसे रोकने के लिए जो जरूरी कदम हमने आज उठाए हैं, वे असल में कई वर्षो पहले ही उठा लिए गए थे लेकिन हमने फिर भी गलतियां कीं लेकिन अब हमें इन्हें दोबारा होने से रोकने के लिए कमर कसने की जरूरत है।'

बता दें कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए फेसबुक उपभोक्ताओं के कथित डेटा लीक की खबरों के बीच व्हाट्सएप के सह-संसथापक ब्रायन एक्टन ने यूजर्स से सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक को डिलीट करने के लिए कहा। राजनीतिक डेटा विश्लेषक कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के फेसबुक के पांच करोड़ उपभोक्ताओं के डेटा तक बिना अनुमति के पहुंचने की रिपोर्ट सामने आने के बाद फेसबुक कड़ी प्रतिक्रिया का सामना कर रहा है।

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इवेंट्स की टाइमलाइन शेयर करते हुए उन्होंने लिखा-

2007 में, हमने फेसबुक प्लैटफ़ॉर्म को विज़न के साथ लॉन्च किया था। आपका कैलेंडर अपने मित्रों के जन्मदिन को दिखाने में सक्षम होना चाहिए, आपको मैप दिखाए जो दिखाएं कि आपके दोस्त कहां रहते हैं। ऐसा करने के लिए, हमने लोगों को ऐप में लॉग ऑन करने और उनके मित्रों को साझा करने के लिए सक्षम बनाया और उनके बारे में कुछ जानकारी दी।

2013 में, एक कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता अलेक्जांद्र कोगन ने एक पर्सनालिटी क्विज़ एप बनाया। यह लगभग 300,000 लोगों द्वारा स्थापित किया गया था जिन्होंने अपने डेटा साझा किए। उस समय हमारे प्लेटफार्म ने काम किया था। इसका मतलब यह हुआ कि कोगन अपने लाखों दोस्तों के डेटा को पहुंचाने में सक्षम था।

 2014 में, अपमानजनक ऐप्स को रोकने के लिए, हमने घोषणा की कि हम संपूर्ण प्लेटफ़ॉर्म को डेटा ऐप तक पहुंचने के नाटकीय रूप से सीमित करने के लिए बदल रहे थे। सबसे महत्वपूर्ण बात, कॉगंस जैसे ऐप्स किसी व्यक्ति के दोस्तों के बारे में डेटा की मांग नहीं कर सकेगा, जब तक कि उनके दोस्तों ने ऐप को अधिकृत नहीं किया हो। लोगों से किसी भी संवेदनशील डेटा का अनुरोध करने से पहले हमें डेवलपर्स को भी अनुमोदन प्राप्त करने की ज़रूरत है इन क्रियाओं को कोगन की तरह किसी भी ऐप को डेटा तक पहुंचने में सक्षम होने से रोक दिया जाएगा।

2015 में, हमने 'द गार्जियन' में पत्रकारों से पता चला कि  कोगन ने अपने ऐप से कैंब्रिज एनालिटिका के साथ डेटा साझा किया था। बिना लोगों की अनुमति के डेटा साझा करना  हमारी नीतियों के खिलाफ है। हमने तुरंत हमारे प्लेटफ़ॉर्म से कोगन के ऐप को बैन कर दिया।

पिछले हफ्ते, द द गार्जियन, द न्यू यॉर्क टाइम्स और चैनल 4 से सीखा है कि कैंब्रिज एनालिटिका ने डेटा को डिलीट नहीं किया है। हमने तुरंत हमारी सेवाओं में से किसी का उपयोग करने पर उन्हें प्रतिबंधित कर दिया। कैम्ब्रिज एनालिटिका का दावा है कि उन्होंने पहले से ही डेटा को डिलीट कर दिया है। इस  मामले में जांच के लिए हम नियामकों के साथ भी काम कर रहे हैं।

यह कोगन, कैंब्रिज एनालिटिका और फेसबुक के बीच विश्वास का उल्लंघन था लेकिन यह फेसबुक और उन लोगों के बीच विश्वास का उल्लंघन भी है जो हमारे साथ अपने डेटा साझा करते हैं.. हम उम्मीद करते हैं कि हम इसे सुरक्षित रखें। हमें इसे ठीक करने की जरूरत है

एक ब्रिटिश परामर्शदाता कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के आरोपों के बाद फेसबुक भारी मुश्किलों का सामना कर रहा है। कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक पर पांच करोड़ फेसबुक उपभोक्ताओं के डेटा का इस्तेमाल बिना उनकी अनुमति के राजनेताओं के लिए करने का आरोप लगाया है। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व ब्रेक्सिट प्रचार अभियान भी शामिल हैं।

फेसबुक ने पहले ही कैंब्रिज एनालिटिका को अपने प्लेटफार्म से निलंबित कर दिया है। राजनीतिक डेटा विश्लेषक कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के फेसबुक के पांच करोड़ उपभोक्ताओं के डेटा तक बिना अनुमति के पहुंचने की रिपोर्ट सामने आने के बाद फेसबुक कड़ी प्रतिक्रिया का सामना कर रहा है।

जुकरबर्ग का कहना है कि कंपनी उन सभी एप की जांच करेगी, जिनके जरिए बड़ी मात्रा में जानकारियां हासिल की गई। 

वह कहते हैं, 'निजी जानकारियों का दुरुपयोग या उनसे छेड़छाड़ करने वालों डेवलेपर्स पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसके साथ ही संदिग्ध गतिविधियों वाले सभी एप की जांच की जाएगी।'

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कैंब्रिज एनालिटिका के सीईओ सस्पेंड

 अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान 50 मिलियन फेसबुक उपयोगकर्ता का नीजी डाटा चुराने वाली कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के सीईओ अलेक्जेंडर निक्स को सस्पेंड कर दिया गया है।

क्या है कैंब्रिज एनालिटिका

कैंब्रिज एनालिटिका एक निजी कंपनी है, जो डेटा माइनिंग और डेटा एनालिसिस का काम करती है। इसके सहारे लंदन की ये कंपनी चुनावी रणनीति तैयार करने में राजनीतिक पार्टियों की मदद करती है।

क्या है मामला ?

एक ब्रिटिश परामर्शदाता कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के आरोपों के बाद फेसबुक भारी मुश्किलों का सामना कर रहा है। कैंब्रिज एनालिटिका ने फेसबुक पर पांच करोड़ फेसबुक उपभोक्ताओं के डेटा का इस्तेमाल बिना उनकी अनुमति के राजनेताओं के लिए करने का आरोप लगाया है। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व ब्रेक्सिट प्रचार अभियान भी शामिल हैं। यूरोपीय संघ (ईयू) और ब्रिटिश सांसदों की मांग है कि सोशल मीडिया दिग्गज फेसबुक को व्यक्तिगत डेटा का बड़े स्तर पर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए दुरुपयोग होने के खुलासे के बाद डेटा सेंधमारी पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। ब्रिटिश सांसदों ने जुकरबर्ग को पहले की सुनवाई में समिति को गुमराह करने के बाद मौखिक गवाही देने के लिए बुलाया है।

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Source : News Nation Bureau

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