ग्रीस पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर, द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर जोर
विदेश मंत्री एस जयशंकर शनिवार को ग्रीस पहुंचे, यहां उनके समकक्ष निकोस डेंडियास ने उनका स्वागत किया.
नई दिल्ली:
विदेश मंत्री एस जयशंकर ( External Affairs Minister S Jaishankar ) शनिवार को ग्रीस पहुंचे. यहां उनके समकक्ष निकोस डेंडियास ने उनका स्वागत किया. जयशंकर ने ट्वीट कर बताया कि हमारे व्यापक यूरोपीय संघ के जुड़ाव में ग्रीस एक महत्वपूर्ण भागीदार है. इसके साथ ही विदेश मंत्री ने कल यानी रविवार को होने वाली औपचारिक बातचीत की भी जानकार दी. वहीं, ग्रीस के प्रधानमंत्री क्यारीकोस मित्सोटाकिस ने दोनों देशों के विदेश मंत्री स्तर की बैठक को ग्रीस और भारत के संबंधों को आगे ले जाने में अहम बताया.
Greece PM Kyriakos Mitsotakis expressed special importance that Greece attaches to its relations with India during his meeting with EAM Dr S Jaishankar. Mitsotakis said that I think this is an opportunity to move our bilateral relations forward, reports local media
— ANI (@ANI) June 26, 2021
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ग्रीस के प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं मानता हूं कि यह हमारे द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने का एक अहम अवसर है. गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर का यह दौरा भारत के लिए काफी अहम माना जा रहा है. भारत से कोई विदेश मंत्री 18 साल बाद ग्रीस पहुंचे हैं. अपने ग्रीस दौरे के दौरान जयशंकर दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर जोर देंगे. भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार जयशंकर यहां इटली के लिए निकलेंगे. इटली में विदेश मंत्री जी-20 की मंत्रिस्तरीय मीटिंग में शामिल होंगे. गौरतलब है कि भारत और ग्रीस के बीच 530 मिलियन डॉलर का व्यापार है. भारत की कई कंपनियां ग्रीस में व्यापार करती हैं.
Both sides agreed that this will assist the two countries in realisation of the energy goals set by the respective governments to make renewable energy a significant part of the energy supply: MEA
— ANI (@ANI) June 26, 2021
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वहींं, इससे पहले भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि अफगानिस्तान में अमेरिकी अपने सैनिकों की वापसी की तैयारी कर रहा है. वहां शांति के लिए आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की जरूरत है और आतंकवादियों का समर्थन करने वालों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. उन्होंने मंगलवार को एक सुरक्षा परिषद के दौरान कहा, "अफगानिस्तान में एक स्थायी शांति के लिए वास्तविक 'दोहरी शांति' की जरूरत होती है - यानी अफगानिस्तान के भीतर शांति और अफगानिस्तान के आसपास शांति. इसके लिए उस देश के भीतर और आसपास सभी के हितों में सामंजस्य स्थापित करने की आवश्यकता है." उन्होंने कहा, "यह सुनिश्चित करते हुए कि अफगानिस्तान का इस्तेमाल आतंकवादियों द्वारा अन्य देशों को धमकाने या हमला करने के लिए नहीं किया जाता है, आतंकवादी संस्थाओं को सामग्री और वित्तीय सहायता प्रदान करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. "
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