logo-image

विस्तारवादी चीन ने नेपाल के एक और हिस्से पर किया कब्जा, सरहद के भीतर बनाई 9 इमारतें

चीन की विस्तारवादी नीति नेपाल में बदस्तूर जारी है. भारत के साथ सीमा विवाद में उलझा चीन ठंडी मौसम और नेपाली सुरक्षाकर्मियों की गैरमौजूदगी का फायदा उठाकर नेपाल की जमीन पर धीरे धीरे कब्ज़ा करता जा रहा है.

Updated on: 20 Sep 2020, 09:35 AM

काठमांडू:

चीन की विस्तारवादी नीति नेपाल में बदस्तूर जारी है. भारत के साथ सीमा विवाद में उलझा चीन ठंडी मौसम और नेपाली सुरक्षाकर्मियों की गैरमौजूदगी का फायदा उठाकर नेपाल की जमीन पर धीरे धीरे कब्ज़ा करता जा रहा है. इस बार मामला नेपाल के हुम्ला जिले का है. इस जिले के नाम्खा गांव में चीन ने गुपचुप तरीके से भवन का निर्माण कर लिया है. वो भी एक दो भवन नहीं, बल्कि पूरे 9 बड़े बड़े भवन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है. चीन की हिमाकत सिर्फ यहीं तक नहीं है. जिस जगह पर उसने भवनों का निर्माण किया है, उसके आस पास भी नेपाल के नागरिकों का प्रवेश निषेध कर दिया है.

यह भी पढ़ें: पैंगोंग झील पर आमने-सामने हैं भारतीय और चीनी सैनिक

इस बात का खुलासा तब हुआ जब उस गांवपालिका के अध्यक्ष विष्णु बहादुर लामा सीमावर्ती क्षेत्र में घूमने गए थे. उन्होंने बताया कि लिमी गांव के लाप्चा क्षेत्र में चाइनीज सैनिकों PLA ने एक साथ ही 9 भवन का निर्माण कार्य लगभग पूरा कर लिया है. अपने गांवपालिका के भीतर ही सीमावर्ती क्षेत्र में इन भवनों का निर्माण कैसे और किसने किया? इस बात की जानकारी लेने के लिए जब गांवपालिका के अध्यक्ष विष्णु बहादुर लामा वहां पहुंचे तो उन्हें उस तरफ आने से रोका गया. लामा ने फोन पर बताया कि मेरे बार बार पूछताछ करने के बाद वहां भवन निर्माण के काम में लगे चीनी सैनिक अपना सामान लेकर चीनी सीमा में प्रवेश कर गए.

बहुत दूर से ही अपने मोबाइल में उन निर्मित भवन का फोटो लेकर हमें भेजने वाले लामा ने बताया कि दोनों देशों की जो सीमा है, उससे एक किमी नेपाल के तरफ इन भवनों को बनाया गया है. उन्होंने कहा कि सीमा की सुरक्षा में रहे चीन के सैन्य अधिकारियों से भी उन्होंने बात करने की कोशिश की, लेकिन उनके तरफ से कोई भी जवाब नहीं आया और उनको उस क्षेत्र से चले जाने को कहा गया. वहां के स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने बताया अकि पिछले साल जब चीनी पक्ष के तरफ से लिमी और लापचा के बीच सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा था, उस समय सिर्फ तीन भवनों का आधार खडा किया गया था. जिसको नेपाल के विरोध के बाद बंद कर दिया गया था. लेकिन अभी अचानक 9 भवन बनकर तैयार हो गए हैं और सिर्फ अन्दर के फिनिशिंग का काम चल रहा है.

यह भी पढ़ें: हथियार पहुंचाने कश्मीर जाने की फिराक में थे अलकायदा आतंकी

गांवपालिका अध्यक्ष लामा ने बताया कि नेपाली नागरिकों या वहां के स्थानीय लोगों को अपनी ही जमीन पर जाने नहीं दिया जा रहा है, जबकि चीनी सैनिक आराम से नेपाली भूभाग पर आ जा रहे हैं और भवन निर्माण के काम को पूरा करने का काम अभी भी जारी है. जब हमने इस बारे में हुम्ला के प्रमुख जिला अधिकारी चिरंजीवी गिरी से जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि उनको भी इस बात की जानकारी अभी ही मिली है. जिसके बाद नेपाली सुरक्षा कर्मियों और नापी विभाग और सर्वे विभाग के अधिकारियों को उस तरफ जल्द ही रवाना किया जाएगा.

इस बारे में ना तो नेपाल का गृह मंत्रालय और ना ही नेपाल का विदेश मंत्रालय कुछ प्रतिक्रिया दे रहा है. ये सभी जिले के CDO चिरंजीवी गिरी के रिपोर्ट का इन्तजार कर रहे हैं. दो महीने पहले ही चीन ने नेपाल के गोरखा जिले के रूई गांव को अपने में मिला लेने की खबर आई थी. जिसके बाद नेपाल में काफी हंगामा हुआ और नेपाल की संसद में सरकार को जबाब देना पड़ गया था. हालांकि नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली ने चीन के द्वारा नेपाल के किसी भी भूभाग पर कब्जे से साफ़ इनकार कर दिया था.