ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ने अमीर देशों से टीके बांटने का अनुरोध किया

ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ने अमीर देशों से टीके बांटने का अनुरोध किया

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IANS
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Ex-UK PM

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

अमीर पश्चिमी देशों के टीकों की जमाखोरी के कारण जब तक कि खुराक को अधिक निष्पक्ष रूप से वितरित करने के लिए तत्काल कदम नहीं उठाए जाएंगे, दुनिया के सबसे गरीब देशों में हर महीने वायरस से हजारों लोगों की मौत हो जाएगी। यह बात ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री मंत्री गॉर्डन ब्राउन ने कहा है।

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समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने ब्राउन के हवाले से गार्जियन अखबार के लिए एक लेख में कहा, इस महीने और निकट भविष्य के लिए हजारों लोग मारे जाएंगे, इसलिए नहीं कि बहुत कम टीके बन रहे हैं, बल्कि इसलिए कि उन्हें उन जगहों पर जमा किया जा रहा है, जहां अब उनकी सबसे कम जरूरत है।

ब्राउन, जिन्होंने बार-बार जी7 से टीके की सफलताओं के लाभों को अधिक व्यापक रूप से साझा करने का आग्रह किया है, उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक सफलता को सभी के लिए सुरक्षा में बदलने में सामूहिक विफलता एक नैतिक तबाही थी।

ब्राउन ने कहा, अगर दुनिया एक राज्य होती, तो हम इसे एक असफल राज्य कह सकते हैं।

ब्राउन ने कहा कि जून में कॉर्नवाल में ब्रिटेन के मौजूदा प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा आयोजित जी 7 शिखर सम्मेलन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोवैक्स खरीद कार्यक्रम के माध्यम से गरीब देशों को 87 करोड़ खुराक उपलब्ध कराने का वादा किया था, लेकिन अब तक उनमें से केवल 10 करोड़ ही उपलब्ध कराए गए।

पूर्व प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से इस महीने की संयुक्त राष्ट्र महासभा के हाशिये पर एक विशेष जी 7 शिखर सम्मेलन बुलाने के लिए कहा, ताकि पश्चिम की अप्रयुक्त आपूर्ति को उनकी जरूरत वाले देशों में स्थानांतरित करने की योजना पर सहमति हो सके।

उन्होंने कहा कि सितंबर के अंत तक 50 करोड़ खुराक और उसके बाद एक महीने में 20 करोड़ खुराक जारी करने से गरीब देश अगले साल के मध्य तक अपनी 60 फीसदी आबादी का टीकाकरण कर सकेंगे।

डेटा से पता चला है कि वैक्सीन का उत्पादन पहले से ही 1.5 अरब खुराक प्रति माह था और वर्ष के अंत तक यह 2 अरब प्रति माह से अधिक हो जाएगा।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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