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मोदी के खिलाफ बयान पर मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने की कड़ी निंदा, जानें क्या बोले...

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने ऑफिशियल अकाउंट से पोस्ट कर लिखा कि,  “मैं सोशल मीडिया पर मालदीव सरकार के अधिकारियों द्वारा भारत के खिलाफ घृणित भाषा के इस्तेमाल की निंदा करता हूं.

Updated on: 07 Jan 2024, 08:45 PM

नई दिल्ली :

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह (Ibrahim Mohamed Solih) ने रविवार को मालदीव के कुछ राजनीतिक नेताओं द्वारा भारत और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ “hateful language” के इस्तेमाल की निंदा करते हुए कहा कि ऐसी टिप्पणियों से "दोनों देशों के बीच दोस्ती पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए". सोलिह ने भारत को मालदीव का "अच्छा दोस्त" भी बताया. बता दें कि, इब्राहिम मोहम्मद सोलिह मालदीव के सातवें राष्ट्रपति थे... चलिए जानें क्या है पूरा मामला...

गौरतलब है कि, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने ऑफिशियल अकाउंट से पोस्ट कर लिखा कि,  “मैं सोशल मीडिया पर मालदीव सरकार के अधिकारियों द्वारा भारत के खिलाफ घृणित भाषा के इस्तेमाल की निंदा करता हूं. भारत हमेशा मालदीव का एक अच्छा दोस्त रहा है और हमें इस तरह की कठोर टिप्पणियों को हमारे दोनों देशों के बीच सदियों पुरानी दोस्ती पर नकारात्मक प्रभाव डालने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.

बता दें कि, मालदीव के तीन मंत्री - मरियम शिउना, मालशा शरीफ और महज़ूम माजिद और एक राजनीतिक नेता जाहिद रमीज़ द्वारा भारत को निशाना बनाते हुए नस्लवादी टिप्पणी की गई थी, इस टिप्पणी पर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को भी निशाना बनाया था. बता दें कि, मालदीव के इन मंत्री और नेता ने लक्षद्वीप को पर्यटन स्थल के तौर पर बढ़ावा देने के पीएम मोदी के प्रयास का मज़ाक उड़ाया था, जिसके बाद ये पूरा विवाद हुआ. 

मालूम हो कि, इन टिप्पणियों ने सोशल मीडिया पर भारतीयों को भी प्रभावित किया. इसके साथ ही मशहूर हस्तियों सहित कई लोग द्वीप राष्ट्र के बहिष्कार के आह्वान में शामिल हो गए. इसके बाद जब उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा, तो मालदीव सरकार ने अपमानजनक टिप्पणियों के लिए तीन मंत्रियों को निलंबित कर दिया. इसके साथ ही बयान दिया गया कि, ये राय सभी नेता और मंत्री की व्यक्तिगत है. मालदीव सरकार ने खुद को इन विचारों को अलग रखा है.