जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) से आर्टिकल 370 हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद पाकिस्तान लगातार भारत को घेरने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद मांग रहा है, लेकिन हर जगह उसे असफलता ही हाथ लग रही है. संयुक्त राष्ट्र के बाद अब पाकिस्तान (Pakistan) को यूरोपीय संघ की संसद (European Union Parliament) से भी बड़ा झटका लगा है. EU संसद ने कहा, भारत-पाकिस्तान को शांतिपूर्वक आपसी बातचीत से कश्मीर मसला सुलझाना चाहिए. इसमें किसी देश को दखल नहीं देना चाहिए. उन्होंने दोनों देश एक-दूसरे से सीधी बातचीत करने का आह्वान किया है.
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इससे पहले पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (Imran Khan) ने कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में भी उठाया था, लेकिन वहां भी वे नाकाम हो गए. इसके बाद उन्हें मुस्लिम देश से मदद मिलने की उम्मीद थी, लेकिन वह भी उनके खिलाफ हो गए. सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे प्रभावशाली मुस्लिम देशों ने एक ओर पाकिस्तान को भारत के साथ बैकडोर डिप्लॉमसी चैनल ऐक्टिवेट करने की राय दी तो दूसरी ओर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से कहा कि वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए तल्ख भाषा के इस्तेमाल पर लगाम लगाएं.
The European Union Parliament has called on India and Pakistan to engage in direct dialogue on Kashmir to ensure a peaceful resolution to the issue. pic.twitter.com/BXSCGyscfp
— ANI (@ANI) September 18, 2019
वहीं, पाकिस्तान के सबसे अजीज दोस्त चीन ने भी कश्मीर मुद्दे पर पीएम इमरान खान का साथ छोड़ दिया है. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (China President Xi Jinping) अगले महीने एक अनौपचारिक सम्मेलन में मिलने वाले हैं. इस दौरान दोनों देशों के नेताओं के बीच कश्मीर मुद्दे पर बातचीत नहीं होगी. अब तो चीन ने कश्मीर मुद्दे पर भारत का साथ देना शुरू कर दिया है. अब पाकिस्तान को यूरोपीय संघ की संसद से निराशा मिली है. यूरोपीय संघ की संसद ने कहा कि दोनों देश आपस में मिलकर कश्मीर मसले पर बातचीत करें.
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यूरोपियन संघ (यूरोपियन यूनियन) मुख्यत: यूरोप में स्थित 28 देशों का एक राजनैतिक एवं आर्थिक मंच है, जिनमें आपस में प्रशासकीय साझेदारी होती है जो संघ के कई या सभी राष्ट्रों पर लागू होती है. यूरोपीय संघ समूह आठ संयुक्त राष्ट्रसंघ एवं विश्व व्यापार संगठन में अपने सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व करता है. यूरोपीय संघ के 21 देश नाटो के भी सदस्य हैं. यूरोपीय संघ के महत्वपूर्ण संस्थानों में यूरोपियन कमीशन, यूरोपीय संसद, यूरोपीय संघ परिषद, यूरोपीय न्यायलय एवं यूरोपियन सेंट्रल बैंक इत्यादि शामिल हैं. यूरोपीय संघ के नागरिक हर पांच वर्ष में अपनी संसदीय व्यवस्था के सदस्यों को चुनती है.