यूक्रेन पर रूस जोरदार हमला बोल रहा है. उसे रोकने के लिए दुनिया के तमाम देश खासकर यूरोपीय देश और अमेरिका यूक्रेन को मदद दे रहे हैं. इसके अलावा वो रूस की इकॉनमी को चोट पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए सबसे बड़ी चोट रूसी बैंकिंग सिस्टम को स्विफ्ट (SWIFT) से बाहर करने के तौर पर हो रही है. रूस के सेंट्रल बैंक के अरबों डॉलर फ्रीज हो गए हैं, तो अब रूस के डेढ़ दर्जन बैंक स्विफ्ट कोड से काटे जा चुके हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर ये SWIFT है क्या?
क्या है स्विफ्ट सिस्टम?
स्विफ्ट यानी सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन (Society for Worldwide Interbank Financial Telecommunication) एक मैसेजिंग नेटवर्क है, जो कि बैंकों को एक खास तरह के कोड फॉर्म में मैसेज देता है. इससे इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन में होने वाली गलतियां काफी कम हो जाती है.
बेल्जियम में है हेडक्वॉर्टर
स्विफ्ट सिस्टम की शुरुआत साल 1977 में हुई थी. इस बैंकिंग प्रणाली में 200 से भी अधिक देश जुड़े हुए हैं. स्विफ्ट का मुख्यालय बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में है. मौजूदा समय में दुनिया भर के 11 हजार से भी ज्यादा बैंक और संस्थान स्विफ्ट बैंकिंग प्रणाली से जुड़े हुए हैं. यही एक बड़ी वजह है, जिसके चलते इसे ग्लोबल ट्रांजैक्शन का मेन मैसेजिंग सिस्टम माना जाता है. स्विफ्ट बैंकिंग प्रणाली ही ग्लोबल ट्रांजैक्शन को मैनेज करने का काम करती है.
कैसे काम करता है स्विफ्ट सिस्टम?
स्विफ्ट सिस्टम के तहत इसका इस्तेमाल करने वाले संस्थानों और कंपनियों को 8 से 11 अंकों का एक कोड दिया जाता है, जिसे स्विफ्ट कोड के नाम से भी जाना जाता है. इसे एक उदाहरण से ऐसे समझें. मान लीजिए कि आप भारत में रहते हैं और आपका अकाउंट पीएनबी में है. आपका कोई दोस्त कनाडा में है और आप उसे पैसे भेजना चाहते हैं. आप अपने अकाउंट से पैसे उसके खाते में पैसे ट्रांसफर करेंगे तो आपको स्विफ्ट कोड भी सबमिट करना होगा. इसके बाद पीएनबी कनाडा के उस बैंक को एक स्विफ्ट मैसेज भेजेगा, जिसमें आपके दोस्त का अकाउंट है. अब कनाडा का वह बैंक मैसेज को वेरिफाइ करेगा और इसके बाद पेमेंट क्लियर हो जाएगा.
रूस पर क्या होगा असर?
अगर रूस को पूरी तरह से स्विफ्ट बैंकिंग प्रणाली से बाहर निकाल दिया जाता है, तो रूस की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो सकती है. स्विफ्ट बैंकिंग प्रणाली से बाहर निकाले जाने के बाद रूस का 798 बिलियन डॉलर का व्यापार सीधे तौर पर प्रभावित होगा. इसका सीधा असर रूस की आधी जीडीपी पर पड़ सकता है. इसके अलावा रूस के बैंक 70 फीसदी विदेशी मुद्रा का लेन-देन स्विफ्ट के जरिए ही करते हैं. ऐसे में स्विफ्ट से रूस को बाहर निकाला जाना उसकी अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित करने का काम करेगा.
HIGHLIGHTS
- 7 और रूसी बैंकों को स्विफ्ट नेटवर्क से किया गया बाहर
- रूस की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा बड़ा असर
- वैश्विक बैंकिग प्रणाली का अहम हिस्सा है स्विफ्ट नेटवर्क