इथियोपिया ने संयुक्त राष्ट्र के 7 शीर्ष अधिकारियों को देश से निकाला, जानें इसके पीछे की वजह
इथियोपिया की सरकार ने अपने आंतरिक मामलों में दखल देने को लेकर देश से सात वरिष्ठ संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों को निष्कासित करने का आदेश दिया है.
highlights
- इथियोपिया सात वरिष्ठ संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों को देश से निकाला
- आंतरिक मामलों में दखल देने को लेकर अधिकारियों को निष्कासित किया
- इस फैसले से संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस हैं हैरान
नई दिल्ली :
इथियोपिया (Ethiopia) ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से प्रतिबंधों से दूर रहने और उसके टिग्रे क्षेत्र में युद्ध में हस्तक्षेप से बचने को कहा है. इसी के तहत इथियोपिया की सरकार ने अपने आंतरिक मामलों में दखल देने को लेकर देश से सात वरिष्ठ संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों को निष्कासित करने का आदेश दिया है. टिग्रे क्षेत्र में पिछले 11 महीने से युद्ध चल रहा है. इसे लेकर मानवीय कार्यकर्ता सीमित पहुंच को लेकर आवाज उठा रहे है. इस आवाज को दबाने के लिए इथियोपिया ने गुरुवार को यह कदम उठाया. उसने सात वरिष्ठ संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों को निकालने का आदेश जारी कर दिया है.
सात अधिकारियों, जिनमें संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) और मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यूएनओसीएचए) के व्यक्ति शामिल हैं. इन्हें अवांछित व्यक्ति घोषित करते हुए देश छोड़ने के लिए 72 घंटे का वक्त दिया गया है. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी.
.@mfaethiopia declared ”persona non grata” for seven individuals who have been working for some #UN humanitarian agencies in #Ethiopia for meddling in the internal affairs of the country. They must leave the country within the next 72 hrs. 30 September 2021 pic.twitter.com/IDHv6AD145
— MFA Ethiopia🇪🇹 (@mfaethiopia) September 30, 2021
इथियोपिया सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस हैरान रह गए. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ट्रेमब्ले ने बताया कि गुटेरेस ने कहा कि वह निष्कासन से हैरान हैं. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने आगे कहा कि हम अब इथियोपिया की सरकार से कहेंगे कि वहां संयुक्त राष्ट्र को अपना महत्वपूर्ण काम जारी रखने की अनुमति दी जाए.
बता दें कि 26 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा में विश्व नेताओं की बैठक में इथियोपिया के उपप्रधानमंत्री देमेके मेकोनेन ने 10 महीने के युद्ध में अपने देश के रवैये का बचाव किया. उन्होंने कहा कि दंडात्मक उपायों ने कभी भी स्थितियों या संबंधों में सुधार लाने में मदद नहीं की है.
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उनकी यह टिप्पणी ऐसे वक्त आयी है जब 10 दिन पहले ही अमेरिका ने धमकी दी थी कि अगर प्रधानमंत्री आबे अहमद और अन्य नेताओं ने लड़ाई को रोकने के लिए जल्द कदम नहीं उठाए तो उन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.
बता दें कि आबे और टिग्रे निवासियों के बीच राजनीतिक टकराव शुरू होने के बाद नवंबर में टिग्रे में लड़ाई शुरू हुई. टिग्रे निवासी लंबे समय से राष्ट्रीय सरकार में वर्चस्व रखते रहे हैं. इस लड़ाई से भुखमरी का संकट पैदा हो गया है, अफ्रीका में दूसरी सबसे घनी आबादी वाले देश में अस्थिरता का खतरा पैदा हो गया है और पड़ोसी एरिट्रिया के साथ शांति करने के लिए नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित होने के दो साल बाद आबे की छवि को झटका लगा है. एरिट्रिया ने टिग्रे में इथियोपिया के पक्ष में लड़ाई लड़ी.
अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इथियोपियाई बलों ने खाद्य और अन्य सहायता सामग्री लेकर जाने वाले ट्रकों को रोक दिया है. सैकड़ों लोग भूख के कारण मर गए हैं. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय का कहना है कि सभी पक्षों ने दुर्व्यवहार किए हैं.
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