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हाफिज-मसूद के चलते ग्रे लिस्ट में ही रहेगा बरकरार, FATF से पाकिस्तान को मिलेगा बड़ा झटका

FATF on Pakistan: फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (FATF) की आज होने वाली बैठक में पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में होने की संभावना है. हालांकि जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान दिए गए 6 लक्ष्यों को पूरा करने में नाकाम रहा है और वह ग्रे लिस्ट में ही बना रहेगा

Updated on: 21 Oct 2020, 10:27 AM

पेरिस:

फ्रांस (France) के पेरिस में 21-23 अक्टूबर को फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (FATF) की तीन दिवसीय वर्चुअल बैठक शुरू हो गई है. आज होने वाली बैठक में पाकिस्तान (Pakistan) के भविष्य को लेकर अहम फैसला हो सकता है. पाकिस्तान सरकार की तमाम नाकामियों के चलते इमरान सरकार (Imran Khan) के इस बार भी ग्रे लिस्ट में बना रहेगा. आतंकी सरगना हाफिज सईद और मौलाना मसूद अजहर उसके ग्रे लिस्ट में बने रहने का सबसे बड़ा कारण बन सकते हैं. वहीं पाक का दोस्त चीन इस बार भी उसे बचाने की पूरी कोशिश करेगा. 

आतंकियों की मदद का भुगतना होगा परिणाम
पाकिस्ता को आतंकियों की मदद करना भारी पड़ रहा है. FATF ने पाकिस्तान को टेरर फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों की मदद को रोकने से जुड़े 27 लक्ष्य दिए थे, जिनमें से अंतिम 6 को इस मीटिंग से पहले पूरा करना था. न तो पाकिस्तान ने अभी तक आतंकी सरगना हाफ़िज़ सईद और मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ कोई कार्रवाई की और न ही वॉचलिस्ट से गायब हुए 400 आतंकियों के बारे में कोई स्पष्टीकरण दिया है. पाकिस्तान के इस रुख से FATF खासा नाराज है.  

ग्रे लिस्ट में ही बना रहेगा पाकिस्तान
पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स के नियमों का लगातार उल्लंघन कर रहा है. एफएटीएफ ने 27 कार्ययोजनाएं पूरी करने की जिम्मेदारी दी थी, जिनमें से उसने अभी 21 को पूरा किया है और कुछ काम पूरे नहीं कर सका है. पाकिस्तान ने जिन कार्यों को पूरा नहीं किया है, उनमें मसूद अजहर, हाफिज सईद और जाकिर उर रहमान लखवी जैसे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करना शामिल है. अजहर, सईद और लखवी भारत में अनेक आतंकी हमलों में संलिप्तता के लिए सर्वाधिक वांछित आतंकवादी हैं.