सऊदी अरब पर अब तक के सबसे बड़े ड्रोन हमले में तेल कंपनी अरामको के अबकैक स्थित फैसिलिटी सेंटर में आग लग गई. माना जा रहा है कि सुबह 4 बजे हुआ यह ड्रोन हमला ईरान की तरफ से हुआ है. हालांकि शक की सुई हूथी विद्रोहियों की तरफ भी उठ रही है. यह अलग बात है कि अभी तक किसी ने इस ड्रोन हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. सऊदी अरब के गृहमंत्री के मुताबिक ड्रोन हमले से लगी आग से फिलहाल किसी इंसान के हलाक होने की कोई खबर नहीं है. फायर टेंडर्स आग पर काबू पाने में लगे हैं. आग बुझने के बाद ही नुकसान का अनुमान लगाया जा सकेगा. यह हमला शनिवार की अल सुबह बुक्याक और खुराइस तेल फील्ड में हुआ.
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ईरान से तनाव बढ़ने की आशंका
समाचार एजेंसी एपी के अनुसार अभी यह भी पुष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि तेल के कुंओं पर हुए ड्रोन हमले से वैश्विक सप्लाई पर क्या असर पड़ेगा. हालांकि इस हमले के बाद पर्शिया की खाड़ी में तनाव बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. गौरतलब है कि परमाणु हथियारों और परीक्षणों को लेकर अमेरिका और ईरान में पहले से ही तनाव चल रहा है. जून में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर हवाई हमले तक का ऐलान कर दिया था, लेकिन अंत में अपना फैसला पलट दिया. इस अग्निकांड के वीडियो में गोलियां चलने की भी आवाजें सुनाई दे रही हैं. कुंओं से उठ रहीं आग की लपटों को कई किमी दूर से देखा जा सकता है. आसमान में धुंए का गुबार छाया हुआ है.
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पहले भी हुए आतंकी हमले के प्रयास
अरामको के इस तेल के कुंए पर 2006 में भी आतंकी हमला का निशाना बनाने की कोशिश हुई थी. कुख्यात आतंकी संगठन अल कायदा ने आत्मघाती हमलावर भेजे थे, हालांकि वह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके थे. खुराइस ऑयस फील्ड से हर रोज दस लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन होता है. अरमको के मुताबिक यहां स्थित तेल के कुंए में 20 खरब बैरल कच्चे तेल का भंडार मौजूद है.
HIGHLIGHTS
- दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी अरामको के कुंओं पर हुआ ड्रोन हमला.
- ईरान संग तनाव बढ़ने की आशंका.
- ड्रोन हमले का शक ईरान और हूथी विद्रोहियों पर.