अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एशिया में दिए अपने पहले बड़े भाषण में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग को सीधे चेतावनी देते हुए कहा कि परमाणु उकसावे की लगातार कार्रवाई का परिणाम उत्तर कोरिया का विनाश हो सकता है।
ट्रंप ने दक्षिण कोरिया की नेशनल एसेंबली में उत्तर कोरिया पर निशाना साधते हुए कहा, 'जो हथियार आप अपने पास रख रहे हैं, वह सुरक्षित नहीं हैं, ये आपके देश को गंभीर खतरे की तरफ ले जा रहे हैं। जितना ही आप इस अंधेरे पथ की ओर अग्रसर होंगे, आपके लिए उतनी ही मुश्किलें बढ़ेंगी।'
ट्रंप ने 'क्रूर तानाशाही और परमाणु दुस्साहस' के लिए प्योंगयांग की आलोचना की और कहा कि उत्तर कोरिया को वाशिंगटन की ताकत को कम करके नहीं आंकना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा, 'यह प्रशासन अमेरिका के पहले के प्रशासन से काफी अलग है। आज जब मैं उत्तर कोरिया को कुछ बोल रहा हूं तो उम्मीद करता हूं कि मैं केवल अपने देश की तरफ से नहीं बोल रहा हूं, बल्कि पूरे सभ्य देशों की ओर से बोल रहा हूं। हमें कमजोर न समझें और हमारी परीक्षा न लें।'
समाचार एजेंसी योनहप के मुताबिक, ट्रंप ने 'मजबूती के जरिए शांति' के अपने मंत्र को दोहराया और चीन, रूस व विश्व से 'क्रूर शासक' को अलग थलग करने के लिए संयुक्त प्रयास करने का आह्वान किया।
ट्रंप ने कहा, 'विश्व एक दुष्ट शासन को नहीं सह सकता, जो परमाणु हमले की धमकी देता है। सभी जिम्मेदार देशों को उत्तर कोरिया के क्रूर शासन को अलग-थलग करने के लिए एकसाथ काम करना चाहिए।'
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पिछले 24 वर्षो में पहली बार अमेरिका के किसी राष्ट्रपति ने कोरियाई संसद में भाषण दिया है। उन्होंने उत्तर कोरिया की ओर इशारा करते हुए कहा, 'हम अच्छे भविष्य के लिए ज्यादा अच्छे रास्ते बताएंगे। इसकी शुरुआत आपके शासन के आक्रामक रवैये को छोड़ने, बैलिस्टिक मिसाइल के विकास को बंद करने और पूरी तरह से परमाणु मुक्त होने के बाद होगी।'
ट्रंप पांच देशों की यात्रा के तहत मंगलवार को यहां आए थे। इसके बाद वह चीन, वियतनाम और फिलीपींस की यात्रा करेंगे।
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Source : IANS