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डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
दुनिया के महान कम्युनिस्ट नेता और क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो का 90 साल की उम्र में निधन हो गया। जिन्हें भारत समेत कई देशों ने श्रद्धांजलि दी है। वहीं अमेरिका अपने पुराने रूख पर कायम रहते हुए उन्हें 'क्रूर तानाशाह' करार दिया है। हालिया राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज करने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ''कास्त्रो एक 'क्रूर तानाशाह' थे जो अपने ही लोगों पर अत्याचार करता थे।''
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपने ट्विटर हैंडल से कहा, 'फिदेल कास्त्रो मर चुका है!'
फिदेल कास्त्रो ने जीते जी हमेशा अमेरिका के खिलाफ आवाज बुलंद की और सोवियत संघ के करीब रहे। शनिवार को उनके निधन के बाद भी अमेरिका हमला बोलने से नहीं चूका।
#BREAKING Trump says Castro was 'brutal dictator' who oppressed his people
— AFP news agency (@AFP) November 26, 2016
Fidel Castro is dead!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) November 26, 2016
कास्त्रो ने 1960 में क्यूबा में स्थित अमेरिकी फैक्ट्रियों पर कब्जा जमा लिया था। कास्त्रो ने ऐसा दावा किया है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी सेंट्रल इंटेलीजेंस एजेंसी (CIA) ने 600 से ज्यादा बार उनकी हत्या करने की योजना बनाई लेकिन वह हर बार नाकाम रही।
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अमेरिका और क्यूबा के बीच 2015 में थोड़ा करीबी रिश्ता देखा गया। जब क्यूबा के राष्ट्रपति राउल ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से कूटनीतिक संबंधों को सामान्य करने के लिए मुलाकात की।
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HIGHLIGHTS
- ट्रंप ने कहा, 'क्रूर तानाशाह' थे फिदेल कास्त्रो जो अपने ही लोगों पर अत्याचार करते थे
- अमेरिका और क्यूबा के बीच रहा है शुरुआत से विवाद
- कास्त्रो ने किया था दावा, अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने 600 बार हत्या करने की नाकाम कोशिश की थी
Source : News Nation Bureau