डोनाल्ड ट्रंप फिर चीन से हुए खफा, गुस्से में वर्ल्ड बैंक को दे डाली ये नसीहत, जानें पूरा मामला
ट्रंप ने ट्वीट करते हुए कहा कि विश्व बैंक चीन को क्यों लोन दे रहा है. लोन गरीब देशों को देना चाहिए
नई दिल्ली:
अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर चीन से खफा हो गए हैं. उन्होंने चीन पर काफी गुस्सा भी निकाला है. चीन पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर जमकर निशाना साधा है. इसको लेकर वर्ल्ड बैंक को नसीहत दे दी है. ट्रंप ने ट्वीट करते हुए कहा कि विश्व बैंक चीन को क्यों लोन दे रहा है. लोन गरीब देशों को देना चाहिए. चीन संपन्न देश है, इसलिए उन्हें वर्ल्ड बैंक से लोन की आवश्यकता नहीं है. चीन को अपना भार खुद ही उठाना चाहिए. वर्ल्ड बैंक चीन के बदले विश्व के अन्य गरीब देशों की सहायता करें तो बेहतर होगा.
Why is the World Bank loaning money to China? Can this be possible? China has plenty of money, and if they don’t, they create it. STOP!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 7, 2019
व्हाइट हाउस वर्ल्ड बैंक के वैये से नाराज
इसको लेकर ट्रंप ने अपने ट्विटर हैंडल पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने लिखा कि चीन के पास पहले से काफी धन मौजूद है. अगर नहीं है तो उन्हें बनाने के तरीके पर विचार करना चाहिए. फिर वर्ल्ड बैंक चीन को लोन क्यों दे रहा है? इसे रोकिए. इसके बाद वित्त मंत्री स्टीवन म्नुचिन ने भी ट्रंप के आरोपों का समर्थन किया. म्नुचिन ने गुरुवार को वर्ल्ड बैंक के प्रतिनिधियों के सामने राष्ट्रपति ट्रंप की बात रखी. उन्होंने कहा कि व्हाइट हाउस वर्ल्ड बैंक के इस रवैये से नाराज है.
विश्व बैंक ने ट्रंप को दिया आश्वासन
इसके बाद विश्व बैंक ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हम राष्ट्रपति ट्रंप से सहमत हैं. धीरे-धीरे हम चीन को लोन देने में कटौती करेंगे. हालांकि वर्ल्ड बैंक के आश्वासन के बाद भी अमेरिका ने संतुष्टि जाहिर नहीं की. ट्रंप प्रशासन का कहना है कि चीन विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है. वो अपने पैसों की जरूरत स्वयं भी पूरा कर सकता है, बिना लोन लिए. क्योंकि वर्ल्ड बैंक का उद्देश्य गरीब देशों को आर्थिक मदद देना है. संपन्न देशों को नहीं.
2018 से ही ट्रेड वॉर चल रहा है
बता दें कि चीन और अमेरिका के बीच साल 2018 से ही ट्रेड वॉर चल रहा है. ट्रंप प्रशासन ने मार्च महीने में चीन से आयात होने वाले स्टील और एल्युमिनियम पर भारी टैरिफ लगा दिया था. इसके जवाब में तब चीन ने भी अरबों डॉलर के अमेरिकी आयात पर टैरिफ बढ़ा दिया. जिसके बाद से यह विवाद बढ़ता जा रहा है.
भारत को मिलेगा फायदा
संयुक्त राष्ट्र के एक अध्ययन में बताया गया है कि अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर से भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा होगा. क्योंकि इससे देश के निर्यात में 3.5 फीसदी की तेजी आएगी. वहीं, सबसे अधिक फायदा यूरोपीय संघ को होगा.
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