पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की राह चले डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump), अमेरिकियों से की यह अपील

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि देश में कोरोना वायरस के लिए अब तक 16 लाख जांच की गई हैं. अमेरिका में मृतकों का आंकड़ा 10,000 के करीब पहुंचने के साथ ही उन्होंने देशवासियों से सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए घरों के भीतर ही रहने की अपील की.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि देश में कोरोना वायरस के लिए अब तक 16 लाख जांच की गई हैं. अमेरिका में मृतकों का आंकड़ा 10,000 के करीब पहुंचने के साथ ही उन्होंने देशवासियों से सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए घरों के भीतर ही रहने की अपील की.

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Sunil Mishra
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पीएम नरेंद्र मोदी की राह चले डोनाल्ड ट्रम्प, अमेरिकियों से की यह अपील( Photo Credit : फाइल फोटो)

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने कहा कि देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) के लिए अब तक 16 लाख जांच की गई हैं. घातक विषाणु के संक्रमण के चलते अमेरिका में मृतकों का आंकड़ा 10,000 के करीब पहुंचने के साथ ही उन्होंने देशवासियों से सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए घरों के भीतर ही रहने की अपील की. ट्रंप ने रविवार को व्हाइट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान कहा, “अमेरिका में अब तक 16 लाख जांच की गई हैं जो किसी भी देश के मुकाबले सबसे ज्यादा हैं. लगभग पूरे देश के लिए बड़ी आपदा की घोषणा कर दी गई है और अमेरिका की 33 करोड़ जनसंख्या में से 95 प्रतिशत से अधिक लोग घरों के भीतर रहने के आदेश के तहत हैं.”

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अमेरिका में कोरोना वायरस के चलते मरने वालों की संख्या रविवार रात 9,500 के पार चली गई जो 9/11 हमले में मारे गए लोगों की संख्या से तीन गुणा अधिक है. देश में 3.3 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में हैं. कोरोना वायरस के खिलाफ अमेरिकी प्रयासों को “सैन्य अभियान” बताते हुए ट्रंप ने कहा कि दुनिया भर से लाखों मास्क, दस्ताने, सुरक्षात्मक उपकरण और चिकित्सीय आपूर्ति देश में पहुंचाई गई हैं.

ट्रंप ने कहा, ‘‘यह वास्तव में पुरजोर सैन्य अभियान है जो हमने शुरू किया है और खासकर पिछले कुछ हफ्तों से. 50 राज्यों एवं क्षेत्रों में बड़ी आपदा की घोषणा करने की तैयारी है जो बहुत असामान्य है.” कोरोना वायरस से निपटने के लिए मलेरिया की दवाई हाइड्रोक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल पर अपने जोर को दोहराते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने देश भर में बांटने के लिए करीब 2.9 करोड़ खुराक की खरीद की है. उधर मृतकों का आंकड़ा लगातार बढ़ने के साथ स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेताया है कि आने वाला हफ्ता “पर्ल हार्बर जैसा क्षण” हो सकता है. इसे देखते हुए अमेरिकी गवर्नरों ने तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के खिलाफ राष्ट्रीय रणनीति बनाने की व्हाइट हाउस से अपील की है.

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देश में वैश्विक महामारी संकट से उबरने के लिए नीति बना रहे वरिष्ठ वैज्ञानिक एंथनी फाउची ने बड़े खतरे को लेकर आगाह किया और कहा कि अमेरिकियों को “बुरे हफ्ते” के लिए तैयार रहना चाहिए. फाउची ने रविवार को सीबीएस से कहा, “मैं यह नहीं कहूंगा कि हमने इस पर काबू पा लिया है.” अमेरिकी सर्जन जनरल जेरोम एडम्स ने और सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए फॉक्स न्यूज से कहा, “यह ज्यादातर अमेरिकियों की जिंदगी में सबसे मुश्किल और दुख भरा हफ्ता होने जा रहा है.’’ उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए पर्ल हार्बर, 9/11 जैसा क्षण होने जा रहा है, बस फर्क इतना है कि यह सिर्फ हमारे यहां ही नहीं होगा.”

इस बीच, अमेरिका के सबसे बुरे खनन हादसे की 10वीं बरसी के लिए निर्धारित एक कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया. पश्चिमी वर्जीनिया के अपर बिग ब्रांच खदान में हुए हादसे में जान गंवाने वाले 29 लोगों को रविवार को शांति से याद किया गया. कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते यह कार्यक्रम रद्द करने का फैसला हफ्तों पहले ही ले लिया गया था. शोकसंतप्त परिवारों को खदान के पास व्हाइट्सविले में स्मारक स्थल पर सुबह से शाम तक पुष्पांजलि अर्पित करने की अनुमति दी गई थी.

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वहीं, अमेरिकी नौसैन्य कमांडर जिन्हें अपने कोरोना वायरस प्रभावित चालक दल के सदस्यों के लिए सार्वजनिक तौर पर मदद मांगने के चलते अपनी नौकरी गंवानी पड़ी थी, वह कोविड-19 की जांच में संक्रमित पाए गए हैं. कैप्टन ब्रेट क्रोजियर की कोविड-19 जांच के नतीजों की जानकारी रविवार को न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित हुई थी. इससे कुछ ही घंटे पहले अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कैप्टन को नौकरी से निकाले जाने को सही ठहराया था. उनको नौकरी से हटाए जाने के फैसले की चौतरफा आलोचना हुई थी और इसे सम्मानित अधिकारी दो गई अनुचित सजा करार दिया गया जो अपने क्रू की भलाई की बात कर रहे थे. गुआम में पोत खड़ा किया जाने के बाद उन्होंने अपने वरिष्ठों से पोत को जल्द खाली करने की इजाजत देने का अनुरोध किया था.

क्रोजियर ने मीडिया में लीक हो गए पत्र में लिखा था, “हम युद्ध में नहीं हैं. नौसैनिकों का मरना जरूरी नहीं है.” लेकिन पेंटागन के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का कहना था कि उनकी प्रार्थना सार्वजनिक कर उन्होंने गलती की जिसकी सजा उन्हें मिली.

Source : Bhasha

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