चीन ने कहा, डोकलाम हमारा हिस्सा है, पिछले साल से भारत को सीखना चाहिए सबक
चीन ने सोमवार को कहा कि डोकलाम एक 'चीनी क्षेत्र' है और यथास्थिति में बदलाव को लेकर कोई सवाल ही नहीं खड़ा होता।
मुंबई:
चीन ने सोमवार को कहा कि डोकलाम एक 'चीनी क्षेत्र' है और यथास्थिति में बदलाव को लेकर कोई सवाल ही नहीं खड़ा होता।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, 'सीमा मुद्दे के संबंध में, चीन वहां शांति, स्थिरता और तिराहा बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और डोंगलांग(डोकलाम) चीन का हिस्सा है, क्योंकि हमारे पास ऐतिहासिक करार है। इसलिए चीन की गतिविधि वहां उसके संप्रभु अधिकार के अंतर्गत है। वहां यथास्थिति बदलाव जैसी कोई चीज ही नहीं है।'
हुआ ने कहा, 'पिछले वर्ष, हमारे जोरदार प्रयास, हमारे कूटनीतिक प्रयास और बुद्धिमत्ता की वजह से हम इस मुद्दे को समुचित रूप से सुलझा सके थे।'
उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष इससे कुछ सबक लेगा और ऐतिहासिक करार को मानेगा, साथ ही सीमा पर शांति और स्थिरिता सुनिश्चित करने के साथ-साथ द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए चीन के साथ मिलकर काम करेगा।'
उन्होंने कहा, 'चीन और भारत अपने क्षेत्रीय विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने के लिए तरीके तलाश रहे हैं, ताकि हम परस्पर स्वीकार्य समाधान तक पहुंच सकें। दोनों पक्षों को एकसाथ काम करना चाहिए और क्षेत्र में शांति और तिराहा बनाए रखने के लिए काम करना चाहिए।'
इसके पहले भारतीय राजदूत गौतम बंबावले ने डोकलाम में यथास्थिति में किसी तरह के बदलाव की कोशिश के खिलाफ चीन को चेताया था।
हांग कांग स्थित दक्षिण चाइना मॉर्निग पोस्ट को दिए इंटरव्यू में बंबावले ने कहा था कि डोकलाम में यथास्थिति को लेकर बदलाव के किसी भी प्रयास से एक और गतिरोध की स्थिति पैदा हो जाएगी।
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सीतारमण ने दिया जवाब
चीन के इस दावे का रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीखा जवाब देते हुए कहा कि भारत डोकलाम में किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।
रक्षा मंत्री बनने के बाद पहली बार उत्तराखंड पहुंची सीतारमण ने कहा कि सरकार भारतीय सेना का आधुनिकीकरण करने की ओर लगातार काम कर रही है।
रक्षा मंत्री ने कहा, 'हम सतर्क हैं और डोकलाम में किसी भी अप्रत्याशित घटना के लिए तैयार हैं। सेना के आधुनिकीकरण के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। हम क्षेत्रीय प्रभुता का पूरा ख्याल रख रहे हैं।'
भूटान के दावे वाले क्षेत्र डोकलाम में भारतीय सेना के चीन के निर्माण कार्य को रोकने की वजह से दोनों सेनाएं एक-दूसरे के आमने-सामने आ गई थीं। डोकलाम भारतीय सीमा के काफी नजदीक है, जो इसके पूवरेत्तर भाग को देश के बाकी हिस्से से जोड़ता है। यह गतिरोध अगस्त माह में समाप्त हुआ था।
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