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तानाशाह जोसेफ स्टालिन का रिकॉर्ड तोड़ेंगे रूसी राष्ट्रपति पुतिन, एक प्रस्ताव ने बनाया 'अजेय'

ड्यूमा में पारित प्रस्ताव के तहत पुतिन का कार्यकाल दो बार के लिए और बढ़ सकता है. यानी अब वह 2036 तक देश के राष्ट्रपति (President) बने रह सकते हैं.

Updated on: 12 Mar 2020, 01:48 PM

highlights

  • रूस के निचले सदन ड्यूमा में एक संवैधानिक सुधार प्रस्ताव पारित.
  • इसके तहत पुतिन का कार्यकाल दो बार के लिए और बढ़ सकता है.
  • स्टालिन ने 29 साल तक किया शासन, पुतिन करेंगे 36 साल तक.

नई दिल्ली:

रूस के निचले सदन ड्यूमा (Duma) ने एक ऐसे संवैधानिक सुधार प्रस्ताव को पारित कर दिया है, जिसके बल पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) पूर्व सोवियत तानाशाह जोसफ स्टालिन (Joseph Stalin) का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं! ड्यूमा में पारित प्रस्ताव के तहत पुतिन का कार्यकाल दो बार के लिए और बढ़ सकता है. यानी अब वह 2036 तक देश के राष्ट्रपति (President) बने रह सकते हैं. 383 सदस्यी ड्यूमा ने प्रस्ताव के समर्थन में 340 सांसदों ने वोट किया किया, जबकि 43 गैरहाजिर रहे. प्रस्ताव के विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा. पुतिन ने जनवरी में इन सुधारों का प्रस्ताव यह कहते हुआ रखा था कि इसका उनके सत्ता में बने रहने से कोई लेना-देना है.

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मौजूदा प्रस्ताव महज औपचारिकता
इन संशोधनों को अब ऊपरी सदन 'फेडरेशन कॉउंसिल' में पारित होना है. फिर 22 अप्रैल को लोग इस के लिए मतदान करेंगे. राष्ट्रपति के रूप में पुतिन के चौथे और अंतिम कार्यकाल का अंत 2024 में हो रहा है. वहीं मंगलवार को एक और संशोधन पेश किया गया, जो कि राष्ट्रपति के कार्यकाल के समय में फेरबदल करता है. संवैधानिक अदालत के इसकी अनुमति देने के बाद पुतिन एक बार फिर चुनाव लड़ पाएंगे. पुतिन ने अपने कार्यकाल के दौरान तमाम अंतरराष्ट्रीय दबावों के सामने नहीं झुकते हुए रूस को पूरी दुनिया में मजबूती के साथ पेश किया.ऐसे में माना जा रहा है कि मौजूदा प्रस्ताव का पारित होना महज औपचारिकता है.

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20 साल से सत्ता पर काबिज हैं पुतिन
रूसी खुफिया एजेंसी के पूर्व जासूस रहे 67 वर्षीय पुतिन पिछले 20 साल से सत्ता में हैं. नए प्रस्ताव के मंजूरी के बाद वह स्टालिन को भी पीछे छोड़ सकते हैं. पुतिन ने पहले दो बार चार साल राष्ट्रपति रहने के बाद संवैधानिक मजबूरी के कारण 2008 में प्रधानमंत्री बन गए थे. उस दौरान पुतिन के करीबी सहयोगी दिमेत्री मेदवेदेव राष्ट्रपति रहे थे. मेदवदेव ने अपने कार्यकाल में राष्ट्रपति का कार्यकाल बढ़ाकर 4 की जगह 6 साल कर दिया था. 2012 में पुतिन फिर से रूस के राष्ट्रपति बने और 2018 में उन्हें दोबारा 6 साल के लिए इस पद के लिए चुना गया था. अगर पुतिन फिर से दो टर्म राष्ट्रपति बन जाते हैं तो वह 36 साल तक रूस पर शासन करने वाले नेता हो जाएंगे और स्टालिन को पीछे छोड़ देंगे.

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स्टालिन ने 29 साल तक किया राज
स्टालिन ने 29 साल तक सोवियत रूस पर शासन किया था. स्टालिन के दौर में रूस में बड़े बदलाव हुए थे. रूस बड़ा औद्योगिक देश और सुपर पावर बना था. हालांकि स्टालिन पर लाखों रूसी लोगों को मारने का आरोप भी लगा. एक गरीब परिवार में पैदा हुए स्टालिन ने देश में कई बदलाव भी किए. स्टालिन की ही तरह पुतिन ने भी 'रूसी गर्व' को ध्यान में रखते हुए कई बड़े और ऐतिहासिक काम किए हैं. अगर ड्यूमा के प्रस्ताव पर ऊपरी सदन और फिर रूस की जनता की मुहर लग जाती है तो पुतिन 83 साल की उम्र तक देश के राष्ट्रपति रह सकते हैं. 2024 में पुतिन का बतौर राष्ट्रपति चौथा कार्यकाल खत्म होगा. नए प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद पुतिन का कार्यकाल जीरो माना जाएगा.