पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि वह अमेरिकी विरोधी नहीं हैं और आपसी सम्मान के आधार पर अमेरिका के साथ मजबूत संबंध चाहते हैं।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, जनता के साथ सवाल-जवाब सत्र के दौरान इमरान ने कहा कि उनका अमेरिका के प्रति कोई दुर्भावना नहीं है, बल्कि उनका उद्देश्य महाशक्ति के साथ पारस्परिक मित्रता है, जो सार्वजनिक हित के खिलाफ घरेलू मामलों में हस्तक्षेप से मुक्त है।
खान ने कहा, मैं किसी देश के खिलाफ नहीं हूं, मैं अमेरिकी विरोधी नहीं हूं, लेकिन हां, हम कुछ नीतियों के खिलाफ हो सकते हैं। मैं चाहता हूं कि दोनों देशों में दोस्ती हो, जिसका मतलब आपसी सम्मान है।
खान ने कहा, जब कोई देश दूसरे देश को आदेश देता है और आप उनकी लड़ाई लड़ते हैं, तो सुनते हैं और करें, जबकि आप अपने लोगों को खो देते हैं और अपने देश में तबाही झेलते हैं और आखिर में शुक्रिया भी नहीं कहते हैं - मैं इसके खिलाफ हूं।
पीएम के बयानों में सत्तारूढ़ दल के आरोपों का जिक्र है कि नेशनल असेंबली में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को विदेशी शक्तियों द्वारा वित्त पोषित किया गया था।
खान ने सवालों के जवाब में कहा कि अमेरिका के हस्तक्षेप से देशों के बीच रिश्ते खराब होंगे।
उन्होंने कहा, दूसरे देश की गुलामी से मौत बेहतर है। उन्होंने संयुक्त विपक्ष के नेताओं पर विदेशी शक्तियों की बुरी आदतों में लिप्त होने का आरोप लगाया।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसदों को खरीदने के लिए विदेशी चंदा लेने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष ने निचले सदन में समर्थन हासिल करने के लिए सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किया।
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Source : IANS