चीनी मीडिया ने काला धन रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नयी नीति को बड़ा क़दम ज़रूर बताया है, लेकिन साथ ही ये भी कहा कि सिर्फ इस निर्णय से ही कालेधन पर ज़रूरी लगाम नहीं लगेगा। चीनी अख़बार ग्लोबल टाइम्स का मानना है, '500 और 1000 के नोट बंद करने के निर्णय से ये तो साफ़ है कि मोदी काले धन वापिस लाने को लेकर प्रतिबद्ध है मगर ये उपाय बहुत कारगर नहीं लग रहा।'
हालांकि चीन ने भारत के इस फैसले को साहसिक ज़रूर बताया है। जानकारों का मानना है कि अधिकांश गैर क़ानूनी काम के लिए नकद लेन-देन में 500 और 1000 जैसे बड़े नोटों का इस्तेमाल होता है और यह भारत के कैश सर्कुलेशन का करीब 80 फीसदी है।
इस लेख में चीनी अख़बार ने भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए चीन की नीति को ज़्यादा बेहतर बताते हुए कहा है कि शी जिनपिंग ने 2012 में राष्ट्रपति बनने के बाद कालेधन पर लगाम लगाने के लिए कई काम किया और कई महत्वपूर्ण फैसले लिए थे। भारत चाहे तो उनसे सबक ले सकता है।
HIGHLIGHTS
- मोदी काले धन को रोकने के लिए बार-बार प्रयास कर रहे हैं
- बड़े नोट बंद करने का उपाय बहुत कारगर नहीं
- भारत काले धन पर रोक लगाने के लिए चीन से ले सकता है सबक
Source : News Nation Bureau