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पाकिस्तान में तोड़ा गया हिंदू मंदिर मरम्मत के बाद हिंदुओं को सौंपा गया

भीड़ ने एक स्थानीय मदरसे में कथित तौर पर पेशाब करने के लिए गिरफ्तार किए गए आठ वर्षीय हिंदू लड़के को अदालत द्वारा रिहा करने के विरोध में मंदिर पर हमला किया था.

Updated on: 10 Aug 2021, 08:08 AM

highlights

  • पाकिस्तान में हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ मामला
  • मंदिर की मरम्मत कराके हिंदुओं को दिया गया
  • भारत सरकार ने मंदिर में तोड़फोड़ को लेकर जताई थी नाराजगी

नई दिल्ली :

भारत के दबाव के आगे पाकिस्तान को आखिकार झुकना पड़ा. पंजाब प्रांत में तोड़े गए मंदिर की मरम्मत कराके पाकिस्तान को हिंदू समुदाय को सौंपना पड़ा. जिला प्रशासक खुर्रम शहजाद ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि स्थानीय हिंदू जल्द ही मंदिर में फिर से पूजा शुरू करेंगे. पाकिस्तान के रहीम यार खान जिले के भोंग इलाके में स्थिति गणेश मंदिर को 4 अगस्त को तोड़ दिया गया था. भीड़ ने मंदिर पर हमला करके तोड़फोड़ की.  भीड़ ने एक स्थानीय मदरसे में कथित तौर पर पेशाब करने के लिए गिरफ्तार किए गए आठ वर्षीय हिंदू लड़के को अदालत द्वारा रिहा करने के विरोध में मंदिर पर हमला किया था. पाकिस्तान के चीफ जस्टिस ने इस मामले की स्वत: संज्ञान लिया था और सुनवाई की थी. सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर की सुरक्षा में नाकामी को लेकर अधिकारियों को फटकार लगाई थी.

पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद ने शुक्रवार को कहा था कि मंदिर में तोड़फोड़ की घटना देश के लिए शर्मनाक है क्योंकि पुलिस मूक दर्शक बनी रही. इसके साथ ही आठ साल के बच्चे की गिरफ्तारी पर भी सवाल उठाए. उन्होंने पुलिस से पूछा था कि क्या वो छोटे बच्चे की मानसिक स्थिति समझ नहीं पाए.  मामले में सुनवाई 13 अगस्त तक के लिए टाल दी गई है.

50 लोगों को किया गया गिरफ्तार

वहीं पाकिस्तानी पुलिस इस मामले में 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था और 150 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. 

भारत सरकार ने जताई थी नाराजगी

मंदिर में तोड़फोड़ और आग लगाए जाने का मामला सामने आने के बाद भारत ने भी नाराजगी जताई है. केंद्र सरकार ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में पूरी तरह विफल रहा है.

पाकिस्तान के उच्चायोग प्रभारी को किया गया था तलब

भारत ने गुरुवार को नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के प्रभारी को तलब किया और इस घटना के साथ पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय की आजादी और उनके धार्मिक स्थानों पर हमले की लगातार बढ़ती घटनाओं को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया.