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भारत ने वियतनाम को सौंपी 12 हाईस्पीड गार्ड बोट्स, राजनाथ सिंह ने किया हैंडओवर

भारत ने 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की डिफेंस लाइन क्रेडिट प्रोग्राम के तहत वियतनाम के लिए 12 हाई स्पीड गार्ड बोट्स का निर्माण किया है. ये परियोजना मेक इन इंडिया, मेक फॉर इंडिया के तहत पूरी की गई है. इन हाई स्पीड गार्ड बोट्स (High-Speed Guard Boats) को वियतनाम (Vietnam ) की नेवी को सौंप भी दिया गया है.

Updated on: 09 Jun 2022, 11:22 AM

highlights

  • भारत ने वियतनाम को सौंपी हाईस्पीड गार्ड बोट्स
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुद सौंपी बोट्स
  • मेक इन इंडिया-मेक फॉर इंडिया मुहिम के तहत बनी हैं बोट्स

हाईफोंग:

भारत ने 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की डिफेंस लाइन क्रेडिट प्रोग्राम के तहत वियतनाम के लिए 12 हाई स्पीड गार्ड बोट्स का निर्माण किया है. ये परियोजना मेक इन इंडिया, मेक फॉर इंडिया के तहत पूरी की गई है. इन हाई स्पीड गार्ड बोट्स (High-Speed Guard Boats) को वियतनाम (Vietnam ) की नेवी को सौंप भी दिया गया है. खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वियतनाम में हैं और उन्होंने वियतनाम को इनकी डिलीवरी सौंप दी. इनमें से 5 हाई स्पीड गार्ड बोट्स भारत में ही बने हैं, जबकि 7 को वियतनाम में ही असेंबल किया गया है. 

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वियतनाम के हांग हा शिपयार्ड में वियतनाम को 12 हाई-स्पीड गार्ड बोट सौंपने के समारोह में कहा कि भारत सरकार द्वारा 100 मिलियन अमरीकी डॉलर की डिफेंस लाइन ऑफ क्रेडिट के तहत 12 हाई स्पीड गार्ड बोट के निर्माण की परियोजना के सफल समापन के अवसर पर शामिल होते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है. ये परियोजना हमारे 'मेक इन इंडिया-मेक फॉर द वर्ल्ड' मिशन का एक प्रज्वलित उदाहरण है.

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साउथ चाइना सी की रखवाली कर सकेगा वियतनाम

हांग हा शिपयार्ड उत्तरी वियतनाम में है. ये साउथ चाइना सी के किनारे है. इन हाई स्पीड बोट्स की मदद से वियतनाम अपनी समुद्री सीमाओं की रखवाली में सक्षम हो जाएगा. बता दें कि वियतनाम दुनिया का पहला ऐसा देश है, जिसने भारत से उसकी अचूक ब्रह्मोस मिसाइल खरीदी है. और अब नौसेना के क्षेत्र में भी दोनों देशों की साझेदारी मजबूत और तेज गति से बढ़ रही है.